दुर्ग (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ,बिलासपुर के कार्यपालक अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति गौतम भादूडी के निर्देश पर पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में नेशनल लोक अदालत का आयोजन शनिवार को 14 मई किया जाएगा। लोक अदालत के लिए दुर्ग में 33 खंडपीठ का गठन किया गया है। जिनमें फिजिकल व वर्चुअल माध्यम से प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी।
यह जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव आशीष डहरिया ने देते हुए बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष व जिला सत्र न्यायाधीश संजय कुमार जायसवाल के मार्गदर्शन में लोक अदालत का शुभारंभ प्रातः 10.30 बजे जिला न्यायालय के सभागार में किया जाएगा। दुर्ग में आयोजित किये जाने वाले नेशनल लोक अदालत हेतु कुल- 33 खंडपीठ का गठन किया गया है। जिनमें जिला न्यायालय दुर्ग हेतु-24 खंडपीठ , परिवार न्यायालय हेतु 03 खंडपीठ, किशोर न्याय बोर्ड, स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी सेवा एवम् श्रम न्यायालय हेतु 01-01 खंडपीठ का गठन किया गया है। व्यवहार न्यायालय पाटन-01 एवं भिलाई-3 हेतु 02 खंडपीठ का गठन किया गया है। इस नेशनल लोक अदालत में राजस्व न्यायालय से संबंधित प्रकरणों का भी निराकरण किया जाएगा।
वर्ष 2022 के द्वितीय नेशनल लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में लंबित सिविल वाद, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, चैक बाउंस से संबंधित मामले, पारिवारिक मामले, श्रम मामले, विद्युत मामले एवं राजीनामा योग्य अपराधिक मामलों का राजीनामा के आधार पर निराकरण एवं विद्युत विभाग, दूरसंचार विभाग , वित्तीय संस्थानों के द्वारा प्रस्तुत किये गये प्री-लिटिगेशन का निराकरण किया जाएगा। विद्युत विभाग के 993 प्रकरण , दूरसंचार विभाग के कुल 51 प्रकरण, वित्तीय संस्थानों के कुल 2844 प्रकरण तथा नगर निगम के 26 प्रकरण रखे जायेंगे।
जिला सत्र न्यायाधीश संजय कुमार जायसवाल के मार्गदर्शन में विशेष रूप से न्यायालय के प्रकरण के पक्षकारों को लोक अदालत के महत्व को बताये जाने तथा लोक अदालत के लिए पक्षकारों को जागरूक किये जाने हेतु 04 पैरालीगल वॉलिन्टियर की सेवाएं ली गई है। जो पक्षकारो को राजीनामा के लिए समझाईश दे कर प्रोत्साहित करेंगें। धारा- 138 चेकबाउंस के मामलों के लिए बैंक के प्रबंधकों की बैठक आहूत कर उन्हें अधिक से अधिक प्रकरण राजीनामा किये जाने हेतु प्रेरित किया गया है। इसके साथ-साथ मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों के संबंध में बीमा कंपनियों के प्रबंधकों एवं अधिवक्ताओं को पीडित पक्षकार के प्रकरण जो राजीनामा के आधार पर निराकरण किये जा सकते है उन्हें नेशनल लोक अदालत में चिन्हांकित कर रखे जाने हेतु समझाईश दिया गया है।
इस नेशनल लोक अदालत के संबंध में प्राधिकरण द्वारा अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों से नेशनल लोक अदालत में संपूर्ण सुनवाई फिजिकल एवं वर्चुवल दोनों माध्यम से होगी । किसी पक्षकार द्वारा राजीनामा आवेदन पूर्व में नहीं दिया गया हो वह भी लोक अदालत के दिवस में उपस्थित होकर आवेदन प्रस्तुत कर सकता है।
नेशनल लोक अदालत में न्यायालयीन, प्रीलिटिगेशन के कुल 5750 प्रकरणों को निराकरण हेतु रखा गया है। कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन किया जाएगा।