दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बच्चों के शुरूआती 30-35 महीनों की अवधि को सबसे अधिक महत्वपूर्ण बताया है। इसलिए उन्होंने जूनियर नर्सरी से लेकर प्राथमिक स्तर के बच्चों पर शिक्षकों से विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों का मूल्यांकन पर भी जोर दिया और उनके लिए बनाए जाने वाले प्रोग्रामों को समय-सीमा पर आधारित रखने के लिए कहा ताकि आसानी से परिणाम को हासिल किया जा सके।
इसके अलावा कलेक्टर ने आगामी शिक्षा सत्र के लिए प्रमुख सुझाव दिए जिसमें सत्र शुरू होने से पहले ही सभी प्रशिक्षण संपन्न कराने के लिए कहा। ताकि आने वाले सत्र में पढ़ाई शुरू हो सके। कलेक्टोरेट सभागार में जिला स्तरीय मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक विकास परियोजना प्रबंधन को लेकर बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें दुर्ग जिले के 585 प्राथमिक विद्यालयों के कार्यों की समीक्षा एवं बच्चों के सीखने की प्रगति को लेकर गहन चर्चा की गई। बैठक में शिक्षा के कार्यक्षेत्र में कार्यरत सामाजिक संस्थाओं को भी शामिल किया गया था। जिसमें लैंग्वेंज एंड लर्निंग फाउंडेशन अरबिंदो सोसाइटी, संपर्क फाउंडेशन इत्यादि उपस्थित थे।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीइओ अश्वनी देवांगन, जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल, समग्र शिक्षा से जिला समन्वयक सुरेन्द्र पांडे, विवेक शर्मा, मंजु गर्ग, प्रदीप शर्मा, जागेश्वर सिंह उपस्थित थे।