छत्तीसगढ़ सरकार ने बढ़ाया रोजगार सहायकों का मानदेय, अब 9 हजार 540 रुपया मिलेगा हर माह

रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में सरकार ने रोजगार सहायकों का मानदेय 4500 से 5000 रुपया तक बढ़ा जाने की घोषणा की है। अब रोजगार सहायकाें को कलेक्टर दर पर 9 हजार 540 रुपया महीना की दर से मानदेय मिलेगा। राज्य सरकार ने गुरुवार को इसकी घोषणा की है। अभी तक मनरेगा कर्मियों को 5 हजार से 6 हजार रुपया महीना मानदेय के तौर पर मिलता रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इसमें महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष राधेश्याम कुर्रे सहित विभिन्न संभागों के अध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी के लोग शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के सामने नियमितिकरण की मांग रखी। उनका कहना था कि कांग्रेस ने मनरेगा कर्मियों के नियमितिकरण का वादा किया था। अभी तक उसपर कुछ नहीं हुआ है। मनरेगा कर्मचारी कर्मचारी-अधिकारी पिछले 4 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने कहा, उनकी दो ही मांगे हैं। पहली उनको नियमित कर दिया जाए और दूसरी नियमितिकरण की प्रक्रिया पूरी होने तक रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारित कर सभी मनरेगा कर्मियों पर पंचायत कर्मी नियम लागू कर दिया जाए। 
मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी मांगाें पर विचार के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। उसकी सिफारिश के आधार पर सभी के मामलों का निराकरण होगा। मनरेगा कर्मचारी उद्योग मंत्री कवासी लखमा के साथ सीएम हाउस पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के कुछ देर बाद सरकार ने रोजगार सहायकों का मानदेय बढा़ने की घोषणा की। कहा गया, मनरेगा कर्मियों की सेवा शर्तों से संबंधित मांगों पर निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद लिया जाएगा। प्रदेश भर में मनरेगा का काम देख रहे 15-16 हजार संविदा कर्मचारियों में रोजगार सहायकों की संख्या 10 हजार है। इसके अलावा कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक, सहायक प्रोग्रामर, डाटा एंट्री ऑपरेटर और लेखापाल आदि को भी संविदा पर तैनात किया गया है।

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