रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार गांवों और शहरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, वंचितों को न्याय दिलाने, छत्तीसगढ़ के लोगों को सम्पन्न, सक्षम और स्वावलंबी बनाने और उनके कौशल को निखार कर उद्यमी बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। वास्तव में छत्तीसगढ़ सरकार की यही रणनीति छत्तीसगढ़ के विकास का मॉडल है, जिसकी आज पूरे देश में चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों के खाते में राशि के सीधे अंतरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य में हर क्षेत्र में तरक्की की बयार बह रही है। रोजगार के नए रास्ते खुले हैं, नवोन्मेष हुए हैं। यही कारण है कि आज छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर मात्र 1.7 प्रतिशत रह गई है, जो राष्ट्रीय औसत 7.4 प्रतिशत की तुलना में बहुत कम है। गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, लघु वनोपज संग्रहण और प्रसंस्करण समेत अनेक महत्वपूर्ण कार्य हो रहे हैं। गोधन न्याय योजना की सराहना आज पूरा देश कर रहा है। देश के कई राज्य इस योजना का अनुसरण करने की ओर बढ़ रहे है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में किसानों, ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों, तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों, पशुपालक ग्रामीणों, महिला समूहों को कुल 1124 करोड़ 92 लाख रूपए की राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश में 4 नए अनुविभाग और 23 नई तहसीलों का शुभारंभ करने के साथ ही राजस्व संबंधी शिकायतों को निराकरण की समीक्षा के लिए तैयार वेबपोर्टल को लॉन्च किया। मुख्यमंत्री ने राज्य के नगर निगम क्षेत्रों में संचालित मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना का विस्तार करते हुए इसे अब राज्य के नगर पालिका एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में संचालन के लिए 60 नवीन मेडिकल मोबाईल यूनिट का भी लोकार्पण किया।
शहर सरकार के पदाधिकारी व पार्षदों का मानदेय किया गया डेढ़ गुना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के दौरान राज्य के सभी नगर निगम के महापौर, सभापति, नगर पालिका के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष तथा सभी पार्षदों का मानदेय तथा वित्तीय शक्ति को बढ़ाकर दोगुना किए जाने की घोषणा के साथ ही महापौर, अध्यक्ष और पार्षद निधि की राशि को बढ़ाकर डेढ़ गुना किए जाने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के सभी नगरीय निकायों में अधोसंरचना विकास एवं जनसुविधा के कार्याें के लिए 579 करोड़ रूपए दिए जाने की घोषणा की, जिसके तहत नगर निगमों को 10-10 करोड़, नगर पालिकाओं को 5-5 करोड़ तथा नगर पचायतों को 3-3 करोड़ रूपए विकास कार्याें के लिए मिलेंगे।