रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने तथा रायगढ़ में वकीलों के साथ हुए विवाद के मुद्दे पर राजधानी का माहौल आज गर्म रहा। वकीलों ने प्रोटेक्शन एक्ट की मांग के साथ वकीलों पर रायगढ़ मामले में दर्ज एफआईआर वापस लेने की मांग की। शुक्रवार को भारी संख्या में वकील बूढ़ापारा की सड़क से पैदल मार्च निकालकर राजभवन जाते दिखे। सप्रे स्कूल के पास पुलिस ने इनका रास्ता रोक लिया। नाराज वकीलों ने दो तीन घंटे तक इस सड़क को जाम कर यहीं धरना दे दिया।
प्रशासनिक अधिकारी वकीलों से मिलने आए पर वकील नहीं माने वो राजभवन जाने की जिद पर अड़े रहे। कुछ देर बाद उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अब्दुल वहाब खान समेत 13 लोगों के प्रतिनिधि मंडल को राजभवन जाने की अनुमति मिली। वहां पहुंचकर वकीलों ने अफसरों को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। वकीलों से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना चाहिए। रायगढ़ में हुए विवाद में वकीलों पर दर्ज केस वापस लिए जाने चाहिए।
इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने रायपुर जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी, रायगढ़, खरसिया, अंतागढ़, राजनांदगांव, दुर्ग-भिलाई, मस्तूरी, पामगढ़, कोरबा से अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधी पहुंचे थे। प्रदर्शन में करीब 2 हजार की संख्या में वकील शामिल हुए। देर शाम को मांगों पर विचार करने का आश्वासन मिलने के बाद सड़क से प्रदर्शनकारी वकील मौके से हटे।
बता दें पिछले फरवरी माह में रायगढ़ तहसील कार्यालय में जमीन नामांतरण कराने को लेकर वकीलों और कर्मचारियों में विवाद हुआ था। तैश में आकर वकीलों ने दो नायब तहसीलदार को पीट दिया। तहसील दफ्तर के कर्मचारियों ने भी मारपीट की। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। इसके बाद इसके बाद मारपीट करने वाले वकीलों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए प्रदेश भर के नायब तहसीलदार और राजस्व विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, वकीलों की गिरफ्तारी भी हुई उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। वकील भी अफसरों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
