रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में सुकमा जिले के चिंतागुफा सीआरपीएफ कैंप में 150वीं बटालियन के 28 जवान बीमार पड़ गए हैं। सभी जवान फुड प्वॉइजनिंग के शिकार बताए जा रहे हैं। उनका इलाज चिंतागुफा कैंप में ही सीआरपीएफ के डॉक्टर द्वारा किया जा रहा है। गुरुवार की रात कैंप में खाना खाने के बाद अधिकांश जवानों की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई थी। जवानों को पेट में दर्द, उल्टी की शिकायत होने लगी, जिसके बाद सभी जवानों को सीआरपीएफ के फील्ड अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
गुरुवार को कैंप में जवानों के लिए विशेष दावत थी, जिसे बड़ा खाना कहा जाता है। दरअसल, सीआरपीएफ के जवानों के लिए समय-समय पर भोजन का विशेष आयोजन किया जाता है। यह किसी भी त्योहार के बाद या खुशी के मौके पर आयोजित होता है। आशंका जताई जा रही है कि कैंप में रात में खाना बनाने के लिए जिस सरसों तेल का इस्तेमाल किया गया था वह पुराना था। उसे काफी दिन पहले कैंप में लाकर रखा गया था। सीआरपीएफ 150 बटालियन के कमांडेंट राजेश यादव ने बताया कि दूषित भोजन की वजह से 28 जवानों की तबीयत खराब हुई थी। सभी का इलाज कैंप में ही किया जा रहा था। फिलहाल 28 में से 17 जवानों को छुट्टी दे दी गई और 11 जवानों का इलाज अभी भी जारी है। सभी भी जवानों की स्थिति खतरे से बाहर है।
कमांडेंट ने बताया कि किचन के भंडारगृह में कुछ खाद्य सामग्री पुरानी थी, जिन्हें वापस करवाना था। संभवतः उन्हीं खाद्य सामग्रियों का गलती से उपयोग किए जाने की वजह से जवानों की तबीयत बिगड़ी है। फिलहाल पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं और जांच के बाद दोषी पाए जाने पर इस मामले में कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि मौसम की वजह से भी कई बार खाद्य सामग्रियों ने खराबी आ जाती है, हालांकि जवानों के भोजन की गुणवत्ता की लगातार जांच और निगरानी की जाती है।

