नाबालिग से की मंदिर में जबरदस्ती शादी, फिर 8 माह तक दैहिक शोषण, आरोपी को 10 वर्ष का कारावास

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग किशोरी से जबरदस्ती शादी करने और 8 माह तक दैहिक शोषण करने के आरोपी के खिलाफ अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने आरोपी को किशोरी के साथ मारपीट करने, परिजनों की सहमति के बिना साथ ले जाने और जबरिया दैहिक शोषण करने के आरोपों के तहत दोषी करार देते हुए कुल 11 वर्ष 6 माह के कारावास से दंडित किया। मामले की पीड़िता को अदालत ने प्रतिकर राशि के रूप में 4 लाख रूपए प्रदान किए जाने का भी निर्देश दिया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश नीरू सिंह की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।

मामला कुम्हारी थाना क्षेत्र का है। पीड़ित 17 वर्षीय किशोरी बचपन से अपनी दादी के साथ रहती थी। आरोपी शेख नवाब (34 वर्ष) का घटना के कुछ दिन पहले किशोरी के घर आना जाना शुरू हुआ था। जिसके बाद आरोपी ने किशोरी पर शादी करने दबाव डालना प्रारंभ कर दिया था। जिसका विरोध करने आरोपी दादी के साथ गाली-गलौज भी करता था। दिसंबर 2015 को आरोपी पीडिता को जबरदस्ती अपने साथ मंदिर ले गया और वहां उसके गले में माला डाल दी। फिर शादी होने का हवाला देकर जबरिया खारून ग्रीन ले गया, जहां एक मकान में रखकर मारपीट कर दैहिक शोषण करने लगा। यह सिलसिला लगभग 8 माह तक चला। प्रताड़ित किशोरी किसी प्रकार अपनी दादी के पास आई और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश नीरू सिंह ने अभियुक्त शेख नवाब (37 वर्ष) को दोषी करार दिया। अभियुक्त को दफा 323 के तहत 6 माह, दफा 363 के तहत एक वर्ष व 376(2)(ढ) के तहत 10 वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का निर्णय दिया। वहीं अभियुक्त को दो हजार रुपए के अर्थदण्ड से भी दंडित किया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।