नाबालिग को शादी का प्रलोभन देकर बनाए संबंध, गर्भवती होने पर हुआ खुलासा, 10 साल कारावास की सजा

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग किशोरी को शादी का प्रलोभन देकर दैहिक शोषण करने के आरोपी के खिलाफ अदालत ने फैसला दिया है । दैहिक शोषण से किशोरी गर्भवती हो गई थी। जिसके बाद परिजनों को इसकी जानकारी हुई। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। इस मामले के आरोपी युवक को विशेष न्यायाधीश नीरू सिंह 10 वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। विचारण के दौरान किशोरी का गर्भपात भी कराया गया। वहीं किशोरी के पुनर्वास के लिए प्रतिकर के रुप में 4 लाख रूपए प्रदान किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।

मामला पद्मनाभपुर पुलिस चौकी क्षैत्र का है। आरोपी युवक पिंटू यादव (24 वर्ष) ठगड़ा बांध बस्ती का निवासी है और खाना बनाने का काम करता है। पिंटू ने कक्षा 10 वीं की 16 वर्षीय छात्रा को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया था और दैहिक शोषण करना प्रारंभ कर दिया था। इसी बीच किशोरी की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाने पर 3 माह की गर्भवती होने का खुलासा हुआ। पूछताछ में किशोरी ने पिंटू द्वारा उसके साथ की गई हरकत की जानकारी दी। जिसके बाद 23 अगस्त 2018 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत तथा चिकित्सकीय परीक्षण के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था। इसी दरम्यान 11 अक्टूबर 2018 को माता-पिता की सहमति से किशोरी का गर्भपात भी कराया गया।
प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट विशेष न्यायाधीश नीरू सिंह की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश ने अभियुक्त पिंटू यादव (24 वर्ष) को नाबालिग का लगातार दैहिक शोषण करने का दोषी करार दिया। अभियुक्त को पॉस्को एक्ट की धारा 5(ठ)/6 के तहत 10 वर्ष के कारावास व 2 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है ।