दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने कहा है कि लखीमपुर खीरी कांड की एसआईटी की जांच रिपोर्ट से साफ जाहिर हो गया है कि किसानों की इरादतन हत्या की गई है। सच यही है कि न सिर्फ लखीमपुर बल्कि पूरे देश में भाजपा की नीयत किसानों को रौंदने-कुचलने की रही है। इस मामले की जांच से सच सामने आ गया। कई बड़े मामलों में जांच ही नहीं हुई या जांच को दबा दिया गया।
राजेंद्र ने कहा कि लखीमपुर कांड की जांच रिपोर्ट में एसआईटी ने कहा है कि यह कांड सोची-समझी साजिश के तहत किया गया। किसान विरोधी साजिश में सिर्फ मंत्री पुत्र शामिल नहीं है, बल्कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की संलिप्तता होने की आशंका है। इस मामले में आज तक मोदी सरकार ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को नहीं हटाया। साफ जाहिर है कि केंद्र की भाजपा सरकार किसानों के प्रति असंवेदनशील है। एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद केंद्रीय मंत्री को तत्काल हटाकर साजिश रचने के आरोप में तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
राजेंद्र ने कहा कि भाजपा ने तीन कृषि कानून लगाकर किसानों को कुचलने का प्रयास किया था, जिसे दिल्ली बार्डर में एक साल तक चले किसान आंदोलन के कारण वापस लेना पड़ा। आंदोलन के दौरान मोदी सरकार के दमनात्मक रवैये के कारण सैकड़ों किसान शहीद हुए, किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किये गए। आंदोलन में शामिल होने से रोकने किसानों के रास्ते में कील लगाने, डीजल, कीटनाशक दवाइयों और खाद के दाम बढ़ाकर भी किसानों के साथ दमनकारी रवैया अपनाया गया।
राजेंद्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी किसानों को कुचलने के लगातार प्रयास किये गए हैं। भूपेश सरकार द्वारा 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी में भी केंद्र सरकार ने रोड़े अटकाए। कांग्रेस सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को न्याय दिया। इस साल केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में पैदा होने वाले उसना चावल को सेंट्रल पूल में लेना बंद कर किसानों के हितों के साथ कुठाराघात किया है। धान खरीदी के लिए बारदाने की सप्लाई पर रोक, खाद की सप्लाई न करने, धान से एथेनाल प्लांट की अनुमति न देने जैसे हथकंडों से केंद्र की भाजपा सरकार ने किसानों को कुचलने का ही प्रयास किया है।
राजेंद्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ के साथ ही पूरे देश में अलग-अलग माध्यम से किसानों को कुचलने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। हाथरस की घटना सहित कई भाजपा नेताओं, सांसदों पर महिलाओं से बलात्कार, उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। लेकिन, दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, बल्कि पीड़ितों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इन मामलों की जांच कराने की बजाय दबा दिया गया। भाजपा की दमनकारी नीतियां अब पूरे देश के सामने उजागर हो चुकी हैं। आगामी चुनावों में आम जनता भाजपा की दमनात्मक नीतियों का करारा जवाब देगी।

