शारीरिक संबंध बनाने से छात्रा हुई गर्भवती, गर्भपात की गोलियां खाने से मौत, ट्यूटर को 5 वर्ष सश्रम कारावास की सजा

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। गर्भपात की गोलियां खाने से छात्रा की हुई मौत के मामले में अदालत द्वारा आज फैसला सुनाया। छात्रा अपने ट्यूटर द्वारा शारीरिक संबंध बनाए जाने के कारण गर्भवती हो गई थी, जिस पर ट्यूटर ने उसे गर्भपात के लिए गोलियां दी थी। इस मामले में अदालत ने छात्रा को गर्भपात की गोलियां उपलब्ध कराने के आरोपी ट्यूटर को 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसला जिला सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकर ने पैरवी की थी।

घटना छावनी थाना क्षेत्र की है। पीड़ित 18 वर्षीय छात्रा ट्यूशन पढ़ने के लिए मूल रूप से रोहतास (बिहार) जिलें के निवासी आरोपी अविनाश कुमार राजपूत के भिलाई स्थित घर जाती थी। इसी दौरान अविनाश ने छात्रा के साथ शारीरिक संबंध बना लिए थे। जिससे छात्रा गर्भवती हो गई थी। इस गर्भ को छुपाने के लिए आरोपी अविनाश ने उसे गर्भपात की 5 गोलियां उपलब्ध कराई थी। छात्रा ने एक गोली पहले दिन खाई उसके बाद दो-दो गोलियां खाई। जिससे छात्रा को रक्तस्राव होने लगा। जिसके बाद ट्यूटर की हरकत का खुलासा हुआ। छात्रा को परिजनों द्वारा गंभीर अवस्था में भिलाई के बीएम शाह अस्पताल में दाखिल कराया गया था। जहां उपचार के दौरान दूसरे दिन छात्रा की 29 जनवरी 2019 को मौत हो गई। अस्पताल से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई प्रारंभ की थी। मृतका के परिजनों, चिकित्सकों, मृतका के मृत्यु पूर्व बयान तथा बिसरा रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपी अविनाश कुमार राजपूत को गिरफ्तार कर 19 जून 2019 को जेल भेज दिया था। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव की अदालत में विचारण किया गया। विचारण पश्चात अदालत ने आरोपी को दफा 314 के तहत दोषी करार दिया। अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी मृतका का गुरू था, इसके बावजूद उसने गुरू के महती दायित्व को उचित रूप से निर्वहित न करते हुए उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और उसके गर्भवती होने पर स्वयं को बचाने के आशय से मृतका की जीवन को खतरे में डालते हुए उसे गर्भपात कराने के आशय से दवाईयों को खिलाया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस स्थिति अभियुक्त को कम सजा से दंडित किया जाना उचित नहीं होगा। अदालत ने अभियुक्त अविनाश कुमार राजपूत को दफा 314 के तहत 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है।