दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। कवर्धा में पिछले दिनों झंडा लगाने के मुद्दे पर हुई हिंसा के विरोध में विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल के संयुक्त तत्वावधान में धरना प्रदर्शन किया गया। धरना प्रदर्शन के दौरान इस घटना के लिए राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया गया। संगठन के नेताओं ने आरोप लगाया कि क्षेत्र के विधायक व मंत्री मोहम्मद अकबर के संरक्षण व दबाव में हिन्दू समाज के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई है। उन्होंने घटना को नियंत्रित करने में असफल व बेवजह हिन्दू कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के निलंबन की मांग की। साथ ही मंत्री मोहम्मद अकबर को बर्खास्त कर उनकी विधानसभा की सदस्यता को समाप्त किए जाने की मांग भी संगठन ने की है। धरना प्रदर्शन के बाद राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया।
कवर्धा हिंसा के विरोध में हिन्दू संगठनों द्वारा प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन के प्रथम चरण के तहत आज मानस भवन के पास धरना दिया गया। धरना प्रदर्शन में भारी संख्या में हिन्दू धर्मावलंबी शामिल हुए। इस मौके पर मौजूद विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत अध्यक्ष संतोष गोलछा ने बताया कि कि भगवा झंडा का अपमान किए जाने का विरोध किए जाने पर एक निर्दोष व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई की गई। प्रशासन ने उसकी शिकायत की अनदेखी की और इस घटना के बाद बेवजह हिन्दू समाज के लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। उन्होंने इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि कवर्धा के वातावरण को प्रशासन व विधर्मियों द्वारा दूषित किया गया है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों के निलंबन व पुलिस द्वारा बिना किसी कारण के गिरफ्तार किए गए लोगों की निःशर्त रिहाई की मांग की है। वहीं बजरंग दल के रत्न यादव ने इस घटना के लिए प्रदेश सरकार के मंत्री मोहम्मद अकबर को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने मंत्री को बर्खास्त किए जाने की मांग करते हुए आंदोलन का और विस्तार किए जाने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि इस घटना का खामियाजा प्रदेश सरकार को भुगतना पड़ेगा। बता दें कि संगठन द्वारा कवर्धा हिंसा की न्यायिक जांच, दुर्गेश की पिटाई करने वालों की गिरफ्तारी, मंत्री मोहम्मद अकबर की बर्खास्तगी, एसपी कलेक्टर सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों का निलंबन की मांग की जा रही है।

