गेंहू पिसाने जा रही किशोरी का बुरी नीयत से पकड़ा हाथ, युवक को मिली दो साल कारावास की सजा

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। घर से गेंहू पिसाने के लिए जा रही किशोरी का हाथ बुरी नीयत से पकडऩे के आरोप में एक युवक को दो वर्ष के कारावास से अदालत ने दंडि़त किया है। यह फैसला फास्ट कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अविनाश के. त्रिपाठी की अदालत में आज सुनाया गया। अभियुक्त को 3 हजार रुपए के अर्थदंड़ से भी दंडि़त किया गया है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।

घटना जामुल थाना क्षेत्र की है। पीडि़त किशोरी कक्षा 8वीं की छात्रा घर से सायकल पर गेंहू लेकर 21 जनवरी 2015 की शाम आटा चक्की जा रही थी। इसी दौरान रास्तें में गांव का ही युवक पुनीत धृतलहरे (20 वर्ष) उसके पास आया और बुरी नीयत से उसका हाथ पकड़ लिया। किशोरी द्वारा विरोध किए जाने व शोर मचाने पर मौके से भाग गया। जिसकी जानकारी पीडि़ता ने अपने पिता व बड़ी बहन को दी। जिसकी शिकायत परिजनों ने पुलिस में की थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ छेडख़ानी का अपराध पंजीबद्ध प्रकरण को विवेचना पश्चात अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायाधीश अविनाश के. त्रिपाठी की अदालत में किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष यह साबित करने में असफल रहा कि पीडि़त किशोरी घटना के समय नाबालिग थी। जिसके चलते अभियुक्त को 354 (क) तथा पाकसो एक्ट की धारा 12 से दोषमुक्त करार दिया गया। अभियुक्त पुनीत धृतलहरे (20 वर्ष) को दफा 354 के तह दोषी करार देते हुए 2 वर्ष के सश्रम कारावास व 3000 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है।