दुर्ग (छत्तीसगढ़)। 10 साल की बालिका के साथ हैवानियत किए जाने के एक मामले में अदालत ने आज फैसला सुनाया है। फैसले में अदालत ने अभियुक्त को जिंदगी भर तक जेल में रखे जाने का आदेश दिया है। साथ ही पीड़ित बालिका को प्रतिकर के रुप में शासन से 4 लाख रुपए की राशि दिलाए जाने का निर्देश दिया है। यह फैसला आज विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।
मामला जामुल थाना क्षेत्र से 9 मई 2018 को सामने आया था। पीड़ित बालिका को बचपन से ही उसकी मां छोड़कर चली गई थी। जिसके बाद से उसका लालन-पालन उसकी दादी कर रही थी। 9 मई 2018 की शाम दादी काम से घर लौटी तो देखा की बालिका की पेशाब के साथ खून निकल रहा है। पूछताछ में किशोरी ने बताया कि उसके पडौसी लव कुमार पासवान (19 वर्ष) दोपहर को डरा धमकाकर अपने घर ले गया था। जहां उसके साथ घिनौना काम किया। जिससे उसके पेट में दर्द भी हो रहा था। साथ ही बताया कि लव कुमार जब उसे घर ले जा रहा था तब उसकी सहेलियों ने विरोध भी किया था, लेकिन उसने उनकी पिटाई कर दी थी। साथ ही गंदा काम करने के बाद उसे 5 रुपए दिए और किसी बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। उसने यह भी बताया कि आरोपी ने इस पूर्व भी उसके साथ गंदा काम किया था, लेकिन डर की वजह से किसी को बताया नहीं था। मामले कि शिकायत पर जामुल पुलिस ने लव कुमार के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर उसे जेल भेज दिया था। प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट की विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत में किया गया। प्रकरण विचारण के दौरान न्यायाधीश ने बचाव पक्ष की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि बच्चे भगवान का रुप होते है। बच्चों में लोभ, द्वेष, कपट, लाभ लेने की दुर्भावना विद्यमान नहीं होती है। दस वर्षीय मासूम बालिका आरोपी के विरुद्ध इस प्रकार का झूठा आक्षेप लगाएगी यह विश्वसनीय प्रतीत नहीं होता है। अदालत ने अभियुक्त लव कुमार पासवान को दफा 376 (कख) के तहत दोषी करार देते हुए पूरे प्राकृत जीवन तक कठोर कारावास तथा 5000 रुपए के अर्थदण्ड व दफा 506 के तहत 2 वर्ष के कारावास व 500 रूपए के दंडित किए जाने का फैसला सुनाया।
