दुर्ग (छत्तीसगढ़)। अनुश्रवण समिति का उद्देश्य राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत भूमिहीन कृषि मजदूर के परिवारों को चिन्हित कर उन्हें शासन के आदेश अनुसार वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान उपलब्ध कराना है। योजना अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के इच्छुक हितग्राहियों का https://rggbkmny.cg.nic.in पोर्टल में पंजीयन करना अनिवार्य होगा। योजना से प्रत्येक परिवार को 6 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
योजना को लेकर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे की अध्यक्षता में आज अनुश्रवण समिति की बैठक की गई। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि शासन द्वारा भूमिहीन कृषि मजदूर के आर्थिक उत्थान के लिए महत्वपूर्ण योजना बनाई गई है। ग्रामीण आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी पर निर्भर है। इसका बेहतर तरीके से क्रियान्वयन हो, सभी संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
कलेक्टर ने कहा कि योजना का सीधा उद्देश्य भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की पहचान कर वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान उपलब्ध करा कर उनकी शुद्ध आय को बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्रता रखेंगे। यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। भूमिहीन कृषि मजदूर से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जिसकी जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम है और उसके परिवार के किसी भी सदस्य के पास कृषि भूमि नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में जिन परिवारों के पास कृषि भूमि नहीं है वह सभी इस योजना के लिए पात्र होंगे।
योजना का पंजीयन कार्य 1 सितंबर से आरंभ होगा। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के मुखिया को अनुदान सहायता राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र देना होगा। योजना अंतर्गत राज्य शासन द्वारा पंजीकृत भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 6 हजार रुपये अनुदान दिया जाएगा। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ एस आलोक, अपर कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना और बीबी पंचभाई उपस्थित थे।