दुर्ग (छत्तीसगढ़)। बहन से छेडख़ानी करने से मना करने पर नाराज युवक द्वारा अपने पिता व बड़े पिता के साथ मिलकर हत्या करने के मामले में अदालत द्वारा आज फैसला सुनाया गया है। इस वारदात में मृतक का चचेरा भाई भी गंभीर रुप से जख्मी हो गया था। मामले में अदालत ने तीनों आरोपियों को हत्या के साथ हत्या का प्रयास करने का दोषी पाया है। आरोपियों अजीवन कारावास की सजा से दंडि़त किया गया है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक सत्येन्द्र सिंह ठाकुर ने पैरवी की थी।
मामला अंडा थाना अंतर्गत ग्राम तिरगा का है। आरोपी डिगेन्द्र ठाकुर गांव की ही एक किशोरी के साथ स्कूल आते जाते समय छेडख़ानी करता था। जिसकी जानकारी किशोरी ने अपने परिजनों को दी थी। जिस पर 14 मार्च 2018 की रात लगभग 8 बजे किशोरी का भाई मनीष अपने चचेरे भाई देवानंद देशमुख के साथ डिगेन्द्र को समझाइश देने गया था। ग्राम के हटरी बाजार के पास इस मुद्दे को लेकर तीनों में विवाद और मारपीट हुई थी। जिसके बाद डिगेंन्द्र अपने घर गया और अपने पिता नोहर सिंह व बड़े पिता अमरलाल ठाकुर को इसकी जानकारी दी। इससे उत्तेजित नोहर व अमरलाल हटरी बाजार पहुंचे और मनीष व देवानंद से मारपीट करने लगे। इसी दौरान डिगेन्द्र ने चाकू से दोनों भाईयों पर हमला कर दिया था। हमले के दौरान नोहर व अमरलाल भाईयों को पकड़ कर रखे हुए थे। चाकू के वार से घायल मनीष और देवानंद को उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया था। उपचार के दौरान घटना के लगभघ 10 दिन बाद 24 मार्च 2018 को मनीष की बीएम शाह अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। इस प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ दफा 302, 307 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण अपर सत्र न्यायाधीश आनंद प्रकाश वारियाल की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात प्रत्यक्षदर्शी गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने डिगेन्द्र सहित उसके पिता नोहर सिंह व बड़े पिता अमरलाल ठाकुर को हत्या व हत्या के प्रयास का दोषी करार दिया। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर 12 स्वतंत्र साक्षी पेश किए थे। प्राय: सभी ने अभियोजन पक्ष का समर्थन किया। विचारण पश्चात न्यायाधीश आनंद प्रकाश वारियाल ने सभी तीनों आरोपियों को दफा 302 के तहत अजीवन कारावास व 5-5 हजार रु. के अर्थदंड़ तथा दफा 307 के तहत 10-10 वर्ष के कारावास व एक-एक हजार रु. के अर्थदंड़ से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। प्रकरण में गिरफ्तारी के बाद से सभी आरोपी फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरुद्ध है।

