शौच के लिए गई किशोरी से की जबरदस्ती, आरोपी को मिला 10 वर्ष का कारावास

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। शौच के लिए रेलवे पटरी पर गई किशोरी के साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी को न्यायालय द्वारा 10 वर्ष के कारावास से दंडि़त किया गया है। पीडि़त किशोरी ने इस ज्यादती का खुलासा घटना के लगभग 10 दिनों बाद किया था। जिसके बाद पुलिस में परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई थी। यह फैसला फास्ट ट्रेक कोर्ट की विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ममता भोजवानी की अदालत में सुनाया गया है। न्यायालय ने पीडि़ता को शासन की और से 4 लाख रुपए की प्रतिकर राशि प्रदान किए जाने की भी आदेश दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।

घटना पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र की है। 16 वर्षीय पीडि़ता अपनी मौसी के यहां आई हुई थी। घटना दिनांक 15 अक्टूबर 2016 की दोपहर किशोरी शौच के लिए रेलवे पटरी गई हुई थी। इसी दौरान वहां आरोपी अश्वनी चंद्राकर (29 वर्ष) पहुंच गया और जबरदस्ती उसी झाड़ी में ले गया। जहां ब्लेड़ से मारने की धमकी देकर उसके साथ जबरिया शारीरिक संबंध बनाए। जिसके बाद घटना की जानकारी किसी को देने पर जान से मारने की धमकी देकर उसे घर भेज दिया था। धमकी के डर से पीडि़ता के घटना की जानकारी किसी को नहीं दी। लगभग 10 दिनों के बाद वह अपनी मौसी के साथ रेलवे पटरी पर शौच के लिए गई तो घटना स्थल को देख कर रोने लगी। जिसके बाद मौसी द्वारा पूछताछ किए जाने पर घटना का खुलासा हुआ और मामले की शिकायत पुलिस में की गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ जुर्म दर्ज कर प्रकरण को विवेचना के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायाधीश ममता भोजवानी की अदालत में किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा पेश गवाहों के कथन और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया। प्रकरण के अभियुक्त अश्वनी चंद्राकर (29 वर्ष) को दफा 376 (1) तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत 10 वर्ष के कारावास व 5000 रु. के अर्थदंड़ तथा दफा 506 बी के तहत एक वर्ष के कारावास व 1000 रु. के अर्थदंड़ से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया गया है। अदालत ने पीडि़ता को प्रतिकर के रुप में प्रदान की जाने वाली राशि में से 50 हजार रु. पीडि़ता को नगद प्रदान करने तथा शेष 3 लाख 50 हजार रुपए की राशि उसके नाम से पांच साल के लिए एफडी कराए जाने का निर्देश भी दिया है।