दुर्ग (छत्तीसगढ़)। किशोरी को शादी का झांसा देकर उसका दैहिक शोषण किए जाने के मामले में न्यायालय द्वारा महत्वपूर्ण फैसला दिया गया है। फैसले में आरोपी युवक को अजीवन कारावास से दंडित किए जाने के साथ 7 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। साथ ही पीड़ित नाबालिग को शासन की ओर से 4 लाख रुपए प्रतिकर राशि दिए जाने का आदेश दिया है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
मामला जामुल थाना क्षेत्र का है। 21 जनवरी 2017 की सवेरे 12 वीं कक्षा की किशोरी उर्दू सीखने अपनी सहेली के साथ मदरसा गई थी। वहां से आरोपी 19 वर्षीय युवक केशव साहू उसे शादी का झांसा देकर अपने साथ भगा ले गया था। किशोरी की गुमशुदगी की शिकायत परिजनों ने पुलिस में कई थी। गुमशुदगी के चार दिन बाद किशोरी को पुलिस ने युवक के कब्जें से बरामद किया था। किशोरी ने बताया कि केशव उसे शादी का झांसा देकर अपने साथ ले गया था और रायपुर के पास किराए के मकान में रखा। इस दौरान युवक द्वारा उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए जाने का खुलासा भी किशोरी ने किया। मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पाक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) अविनाश के. त्रिपाठी की अदालत में किया गया। प्रकरण में विचारण के दौरान किशोरी ने अदालत को बताया कि आरोपी युवक ने उसके साथ शादी का वादा किया था, लेकिन शादी नहीं की। इस दौरान युवक ने उसके साथ की बार शारीरिक संबंध भी बनाएं। विचारण के दौरान किशोरी के नाबालिग होने तथा उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए जाने की पुष्टि होने पर अदालत ने आरोपी आजीवन कारावास की सजा से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। आरोपी को दफा 363, 366 के तहत 3-3 वर्ष तथा एक-एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। साथ ही पाक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत आजीवन कारावास व 5 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है।
वहीं पीड़िता को शासन की ओर से 4 लाख रुपए प्रतिकर राशि उपलब्ध कराए जाने का आदेश भी दिया है। इस राशि में से 50 हजार रूपए की राशि पीड़िता को नगद प्रदान की जाएगी। शेष साढ़े तीन लाख रुपए की राशि बैंक में पीड़िता के नाम से जमा कराए जाने का निर्देश न्यायाधीश त्रिपाठी ने दिया है।
