मामूली विवाद पर ली भाई की जान, अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामूली विवाद पर अपने सगे भाई की हत्या करने के आरोप में अदालत द्वारा आरोपी को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव की अदालत में आज सोमवार को सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकर ने पैरवी की थी।
मामला चरोदा के पंचशील नगर का है। आरोपी के. श्रीनिवास उर्फ वासु (39 वर्ष) रायपुर में काम करता था और पंचशील नगर में संयुक्त परिवार के साथ रहता था। घटना दिनांक 12 जून 2019 की देर रात वासु रायपुर से काम से वापस लौटा था। विलंब से आने पर उसके भाई ए. व्ही. शेषुकुमार ने आपत्ति की। जिस पर दोनों में विवाद हुआ। जिसके बाद वासु अपने बेडरूम में चला गया। उसके पीछे शेषुकुमार भी अदर गया। बेडरूम का कमरा बंद कर दोनों भाईयों में विवाद जारी था तभी परिवार के अन्य सदस्यों को शेषुकुमार की आवाज आना बंद हो गई। आशंका के चलते परिजनों द्वारा दरवाजा खोलने आवाज लगाने पर वासु ने दरवाजा खोला। बेडरूम के अंदर फर्श पर शेषुकुमार मृत अवस्था में पड़ा था और उसके गले में वासु का पेंट फंसा हुआ था तथा मुंह से खून निकल रहा था। इस घटना रिपोर्ट शेषुकुमार की पत्नी के. सीमा, देवर के. व्ही. रामकुमार तथा नन्द एम. साई भवानी ने देर रात पुरानी भिलाई थाना में दर्ज कराई थी। पुरानी भिलाई पुलिस प्रकरण की विवेचना पश्चात मामले को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने आरोपी के. श्रीनिवास उर्फ वासु को अपने भाई की हत्या का दोषी करार दिया। आरोपी को दफा 302 के तहत आजीवन कारावास तथा 100 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया गया। अभियुक्त के. श्रीनिवास उर्फ वासु को पुलिस ने हत्या के आरोप में 13 जून 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिसके बाद से अभियुक्त फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरुद्ध है।