दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिले में जारी कोरोना से जंग के लिए कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने दो नगरीय निकायों को आर्थिक सहायता प्रदान की है। उन्होंने कुम्हारी नगर पालिका को 5 लाख रूपए व अहिवारा नगर पंचायत को 3 लाख रुपये की राशि संसाधनों की खरीदी के लिए सौंपी है। इस दौरान उन्होंने दोनों नगर पंचायतों में संक्रमण की रोकथाम व मरीज को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का भी जायजा लिया।
कलेक्टर ने कुम्हारी नगरी निकाय में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए एंबुलेंस एवं अन्य संसाधनों के लिए 5 लाख रुपये स्वीकृत किए। कलेक्टर ने यहां भर्ती मरीजों के उपचार एवं अन्य सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गंभीर मरीजों को तुरंत जिला मुख्यालय रिफर किया जाए, इसके लिए एंबुलेंस आदि की व्यवस्था रखें। उन्होंने यहां वैक्सिनशन कार्य की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि अन्य निकायों की तुलना में कुम्हारी में वैक्सिनशन का कार्य थोड़ा धीमा है, इसे और तेज किए जाने की जरूरत है। उन्होंने व्यापक जागरूकता अभियान चलाकर वैक्सीनेशन के टारगेट को पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के संदिग्ध मरीजों के चिन्हांकन के लिए व्यापक जांच अभियान चलाएं। आइसोलेशन के मरीजों के लिए दवा किट उपलब्ध कराएं। साथ ही उनकी नियमित काउंसलिंग होती रहे।
अहिवारा में भी की समीक्षा
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे आज अहिवारा नगर पंचायत पहुंचे। यहां उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने यहां संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे विभिन्न कार्यों के लिए 3 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की। इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष नटवर ताम्रकार ने भी कोविड केयर सेंटर के लिए 25 हजार रुपये की राशि कलेक्टर को भेंट की। कलेक्टर ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस कठिन समय में कोविड केयर के लिए की गई पहल प्रशंसनीय है। कलेक्टर ने इस मौके पर कहा कि अहिवारा स्थित को कोविड केयर सेंटर में स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने यहां वैक्सीनेशन की भी जानकारी ली तथा तेजी से वैक्सिनशन का लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए। यहां के हॉस्पिटल प्रबंधन ने बताया कि अभी कोरोना संक्रमण के हालात पहले की तुलना में कुछ हद तक नियंत्रित हुए हैं। कोरोना मरीजों के चिन्हांकन का कार्य लगातार जारी है। सांस लेने में दिक्कत वाले मरीजों को आइसोलेशन सेंटर में भेजा जा रहा है। मरीजों के आक्सीजन लेवल पर नजर रखी जा रही है। इन मरीजों का ऑक्सीजन लेवल ड्रॉप हो रहा है उन्हें जिला मुख्यालय रिफर किया जा रहा है।