किशोरी को देहव्यापार में धकेलने का प्रयास, दो को मिली सजा, एक अब भी फरार

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। किशोरी को मोबाइल व गाड़ी दिलाने का लालच देकर किशोरी को देह व्यापार में धकेलने का प्रयास करने वाली एक महिला सहित दो आरोपियों को कुल 11 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया गया है। एक अन्य महिला आरोपी घटना के लगभग डेढ़ साल बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश स्मिता रत्नावत की अदालत में सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।

मामला भिलाई थाना क्षेत्र का है। थाना क्षेत्र के सेक्टर एरिया में निवासरत कक्षा 9 वीं की 14 वर्षीय छात्रा 10 अगस्त 2019 को घर से लापता हो गई थी। जिसकी शिकायत किशोरी की छात्रा द्वारा पुलिस में की गई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने गुम किशोरी की पतासाजी की थी। गुमशुदगी के लगभग पांच दिनों बाद किशोरी को एक युवक सूरज महतो (21 वर्ष) के साथ पावर हाउस से बरामद किया गया था। बरामदगी की बाद किशोरी ने पुलिस को बताया कि उसके पड़ौस में रहने वाली लक्ष्मी साहनी (25 वर्ष) उसे गाड़ी, मोबाइल दिलाने और डांस सिखाने का लालच देकर अपने साथ ले गई थी। जिसके बाद उसने अपनी परिचित महिला भिलाई-3 निवासी शीतल करियार के घर छोड़ दिया था। जहां व लगभग चार दिनों तक रही। इसी दरम्यान दोनों महिलाएं किशोरी को भिलाई सेक्टर-2 निवासी एक अंकल के घर ले गए, जहां उसे अंकल के साथ बंद कमरे में जाने के लिए कहा गया। किशोरी द्वारा इंकार किए जाने के बाद महिलाओं ने उसे डांटा फटकारा और फिर अपने साथ ले गए। जिसके बाद लक्ष्मी ने किशोरी साथ रखने में असमर्थता जाहिर करते हुए उसे एक युवक सूरज महतो के साथ धमकाकर भेज दिया। सूरज किशोरी को बाइक पर बैठाकर होटल में रुम ढंूढने लगा। पावर हाउस के एक होटल में आईडी न होने से उन्हें रुम नहीं मिला। इसी दौरान किशोरी की मां को उनके पावर हाउस में होने की जानकारी मिल गई। जिसके बाद किशोरी व सूरज को पुलिस के हवाले कर दिया गया। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दफा 363, 366 (क) तथा पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
इस प्रकरण पर फास्ट टे्रक विशेष न्यायालय में विचारण किया गया। विशेष न्यायाधीश स्मिता रत्नावत की अदालत ने विचारण पश्चात आरोपी महिला लक्ष्मी सहानी व युवक सूरज महतो को नाबालिग को उसके विधि संरक्षक की अनुमति के बिना साथ ले जाने, अनैतिक कृत्य के लिए उसे बाध्य करने का प्रयास करने का दोषी करार दिया। मामले में अभियुक्त लक्ष्मी सहानी व सूरज महतो को दफा 363 के तहत 3 वर्ष कारावास व 1000 रु. अर्थदंड़, 366 (क) के तहत 5 वर्ष कारावास व 2000 रु. अर्थदंड़ तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 12 के तहत 3 वर्ष कारावास व 1000 रु. के अर्थदंड़ से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। अभियुक्तों की सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी। अभियुक्त लक्ष्मी और सूरज को पुलिस ने 28 अगस्त 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसके बाद से दोनों प्रकरण पर फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरुद्ध है। वहीं मामले की अन्य आरोपी शीतल करिहार अब भी फरार है।