किशोरी को भगाकर ले जाने और शारीरिक शोषण करने के आरोपी को ता-उम्र कैद की सजा

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। किशोरी का उसके परिजनों की अनुमति के बिना साथ ले जाने और बतौर पत्नी बनाकर रखने के आरोपी को न्यायालय द्वारा जिंदगी भर की कैद में रखे जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी की अदालत में आज गुरुवार को सुनाया गया है। आरोपी ने लगभग 5 माह तक अपने गृहग्राम में पत्नी बनाकर उसका दैहिक शोषण किया था। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।

मामला मोहन नगर थाना क्षेत्र का है। थाना अंतर्गत निवासी 15 वर्षीय किशोरी 30 अप्रैल 2017 की शाम घर से चाकलेट लेने के नाम से घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। दूसरे दिन तक परिजन किशोरी की पतासाजी करते रहे। किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिलने पर गुमशुदगी की जानकारी पुलिस को दी थी। पुलिस दफा 363 के तहत मामला दर्ज कर किशोरी की पतासाजी प्रारंभ की थी। इसी दरम्यान पुलिस को जानकारी मिली कि किशोरी का प्रेम संबंध आर्यनगर निवासी लिंगराज तांड़ी उर्फ राज तांड़ी के साथ चल रहा था। राज तांड़ी भी लापता है। जिसके आधार पर पुलिस ने राज की खोजबीन प्रारंभ की। जिसके बाद लापता किशोरी को राज के गृहग्राम फुलकानी (बेलपड़ा) जिला बलांगिर (उड़ीसा) से 24 सितंबर 2017 को बरामद किया। आरोपी लिंगराज उर्फ राज तांड़ी को गिरफ्तार कर 25 सितंबर को जेल भेज दिया गया। मामले में आरोपी के खिलाफ दफा 363, 366, 376 तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 5 (ठ), 6 के तहत कार्रवाई कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) शुभ्रा पचौरी की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश ने नाबालिग को उसके परिजनों की अनुमति के बिना साथ ले जाने और 16 वर्ष से कम आयु में शारीरिक संबंध बनाए जाने का दोषी पाया। अभियुक्त लिंगराज तांड़ी को दफा 363, 366 के तहत 3-3 वर्ष कारावास व 500-500 रुपए के अर्थदंड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 5 (ठ), 6 के तहत पूरे प्राकृत जीवन के कारावास व 5000 रुपए के अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। आरोपी गिरफ्तारी के बाद से मामले पर फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरूद्ध है।