दुर्ग (छत्तीसगढ़)। शिक्षिका पद छोडऩे से इंकार करने से नाराज पति ने अपनी पत्नी के सिर पर लगभग 6 किलो वजन का लौहे का हथौड़ा पटक दिया। जिससे घायल पत्नी की मौत हो गई। इस मामले में न्यायालय द्वारा आरोपी को आजीवन कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश विजय कुमार साहू की अदालत में सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक नागेश्वर यदु से पैरवी की थी।
मामले का आरोपी सिद्धार्थ नगर (शनिचरी बाजार) निवासी उत्तम मनहरे (44 वर्ष) है। उत्तम पेशे से रिक्शा चालक है और उसकी पत्नी सरिता मनहरे (40 वर्ष) स्कूल में शिक्षिका थी। आरोपी को पत्नी के स्कूल जाने पर एतराज था। जिसको लेकर प्राय: दोनों में विवाद होता रहता था। घटना दिनांक 20 जुलाई 2018 की रात लगभग ढाई बजे दोनों में विवाद हुआ और उत्तम ने सरिता के सिर पर बिना बेट के लोहे के हथौडा से वार कर दिया। जिसकी शिकायत आरोपी की नाबालिग पुत्री भूमि ने कोतवाली पुलिस में दर्ज कराई थी। वहीं गंभीर रुप से जख्मी पत्नी को बैहोशी की हालत में उपचार के लिए मेकहारा रायपुर अस्पताल में दाखिल कराया गया था। जहां उसकी बैहोशी की हालत में ही 26 जुलाई को मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दफा 302, 323 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
कपड़ों पर खून के दाग ने साबित कराया दोषी
इस मामले में विचारण अपर सत्र न्यायाधीश विजय कुमार साहू की अदालत में विचारण किया गया। विचारण के दौरान अधिकांश गवाहों ने इस घटना को हत्या के बजाए दुर्घटना बताया। गवाहों ने अदालत को बताया कि जिस कमरे में मृतका और उसका पति रात में सोते थे, उसमें रखे सेल्फ पर बिना बेट का लोहे का हथौड़ा रखा था, जिसके गिरने से मृतिका के सिर पर चोट आई थी। वहीं फोरेंसिक जांच में यह सामने आया कि घटना के समय आरोपी जो टी शर्ट पहने हुए थे, उस पर लगे खून के दाग मृतका के थे। वहीं आरोपी घटना के बाद मौके से फारर हो गया था। इस आधार पर अदालत ने आरोपी को दफा 302 के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया। साथ ही आरोपी को 2000 रु. के अर्थदंड से भी दंडि़त किया गया है। मामले में 21 जुलाई 2018 को गिरफ्तारी के बाद से आरोपी उत्तम मनहरे फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरूद्ध है।