नई दिल्ली। बहुचर्चित बटला हाउस एनकाउंटर केस में साकेत कोर्ट ने आरोपी आरिज खान को दोषी ठहराया गया है। सजा पर 15 मार्च को निर्णय लिया जाएगा। इस मामले में पहले 2013 में शहजाद अहमद को सज़ा हो चुकी है। दोनों बटला हाउस एनकाउंटर के बीच भाग गए थे। इनके दो आतंंकी साथी आतिफ आमीन, मोहम्मद साजिद मारे गए थे, जबकि मोहम्मद सैफ पकड़ा गया था। मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा शहीद हो गए थे। जबकि 2 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
बता दें कि वर्ष 2008 में दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में हुए धमाकों का आरिज खान मुख्य साज़िशकर्ता है। इन धमाकों में 165 लोग मारे गए थे और 535 लोग घायल हो गए थे। तब इस पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था और इसके खिलाफ इंटरपोल के जरिये रेड कॉर्नर नोटिस निकला हुआ था। आजमगढ़ के रहने आरिज़ खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था। इसके पकड़े जाने से इंडियन मुजाहिद्दीन को दुबारा खड़ा करने के इसके मंसूबे ध्वस्त हो गए थे।
अभियुक्त आरिज़ ने मुजफ्फरनगर के एसडी कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की है और वह बम बनाने में माहिर था। धमाकों के बाद वह नेपाल भाग गया गया था और वहां की नागरिकता हासिल कर सलीम नाम से रह रहा था। उसने इसी नाम से पासपोर्ट बनवाया हुआ था।
आरिज ने नेपाल में एक रेस्टोरेंट खोला था और इसके अलावा वह वहां पर पढ़ाता भी था। वह नेपाल में 2014 तक रहा, इस दौरान वह रियाज़ भटकल के संपर्क में आया। रियाज़ ने उसे इंडियन मुजाहिद्दीन को दुबारा खड़ा करने के लिए सऊदी अरब बुलाया। वह 2014 में सऊदी अरब गया और वहां एक मजदूर बनकर सिमी और आईएम के लोगों से मिलता रहा। वर्ष 2017 में वो सऊदी अरब से वापस लौटा। फिर वह भारत मे इंडियन मुजाहिद्दीन को खड़ा करने के लिए नेपाल से गतिविधियां चला रहा था और 2018 में इसी सिलसिले में भारत आते वक्त पकड़ा गया। आरिज़ को जिहाद के लिए आतिफ अमीन ने प्रेरित किया था।