उपेक्षित बुजुर्गो को राहत देने विधिक सेवा प्राधिकरण ने प्रारंभ किया अभियान करुणा

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपेक्षित बुजुर्गो को राहत प्रदान करने के लिए अभियान करुणा प्रारंभ किया गया है। इस अभियान के तहत राज्य के सभी जिलों में जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में बुजुर्गों को उनकें सम्मान के साथ जीवन यापन करने के अधिकारों के संबंध में जानकारी दी जा रही हैं। बुजुर्गों को चिंहित कर उनकीं समस्याओं को सुन कर उनके निराकरण की दिशा में सकारात्मक पहल की जा रही है।

अभियान के तहत वृद्धजनों के विभिन्न अधिकारों के सम्मान में संक्षिप्त वीडियो बनाया जाएगा एवं वृद्धजनों को चिन्हित किया जाएगा। जिन्हें भरण-पोषण की आवश्यकता है किंतु उन की संताने भरण-पोषण प्रदान नहीं कर रहे हैं। चिन्हांकित मामलों में वृद्धजनों की संतान व परिवार जन को समझाइश दी जाएगी। बुजुर्ग माता-पिता रिश्तेदारों को नियमानुसार भरण-पोषण एवं रहन-सहन की सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा। काउंसलिंग के पश्चात भी संतान व परिवार जन बुजुर्ग माता-पिता को भरण-पोषण एवं रहन-सहन की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु सहमत नहीं होने पर पैनल अधिवक्ता के माध्यम से भरण-पोषण संबंधित मामले विधि अनुसार जिला न्यायालय में संचित किए जाने की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी।
इसी कड़ी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष व जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में भिलाई के सेक्टर 6 में जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें प्राधिकरण सचिव राहुल शर्मा ने बताया गया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों भरण-पोषण कल्याण अधिनियम 2007 के तहत अपने संतान व परिवारजनों से भरण पोषण एवं रहन-सहन की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए विधि अनुसार परिवार न्यायालय में प्रकरण भी दर्ज किये जा सकते हैं। प्राय: यह देखने में आता है कि संतान अपने माता-पिता के संम्पत्ति का उपभोग करते हैं किन्तु उनके भरण-पोषण के दायित्व से अपने को अलग कर देते हैं। माता-पिता भी अपनी संतानों के इस कृत्य को आमजनों के सामने लाये जाने में संकोच करते हैं। अपनी इज्जत एवं सामाजिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए संतानों के द्वारा दी जा रही पीड़ा को सहन करते हैं तथा मानसिक रूप से कमजोर होते जाते हैं। वृद्धजनों को अपने संतानों से भरण-पोषण पाने का अधिकार है। जिसके लिए उन्हें सामने आना चाहिए। जागरूकता शिविर में सचिव के समक्ष आस्था संस्था में निवासरत् दो महिला वृद्धजनों द्वारा अपने पारिवारिक समस्याओं के संबंध में विधिक सलाह चाही गई तथा संतानों से अपने रहन.सहन हेतु भरण पोषण की राशि दिलाये जाने का निवेदन किया गया। जिस पर दोनों वृद्धजन महिलाओं के पारिवारिक समस्या के संबंध में चर्चा कर अग्रिम कार्यवाही की गई। जागरूकता शिविर में 40 वृद्धजन उपस्थित रहें।
बुजुर्गों को मिलेगी नि:शुल्क विधिक सहायता
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे वृद्धजनों के लिए भरण-पोषण की राशि संतानों से दिलाये जाने के लिए प्रबल रूप से खड़ा होकर उन्हें पूरी तरह से विधिक सहायता हेतु मदद करेगा। उन्हें नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान करते हुए शासकीय व्यय पर पैनल अधिवक्ता भी उपलब्ध करायेगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वृद्धजनों के पारिवारिक मामलों को काउंसिलिंग अथवा मध्यस्थता अथवा लोक अदालत के माध्यम से निपटाये जाने का प्रयास करेगा।

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