बेमेतरा (छत्तीसगढ़)। जिला अस्पताल में आज मानसिक रोगियों के लिए स्पर्श क्लीनिक का प्रारंभ किया गया। मनोरोग से पीडि़त लोगों का अब शासकीय अस्पताल में निशुल्क इलाज व दवा का लाभ मिल सकेगा। मनोरोग चिकित्सक डॉ. सुचीता गोयल को जिला अस्पताल में मनोरोग विभाग में नियुक्त किया गया है। मनोरोग चिकित्सक प्रत्येक शनिवार को ओपीडी में सेवाएं देंगी।
आज प्रथम दिन स्पर्श क्लीनिक नशा मुक्ति केंद्र जिला अस्पताल में विशेष ओपीडी के तहत दस मानसिक रोगियों की काउंसलिंग की गई। इसके बाद मानसिक रोगियों को निशुल्क दवाई भी उपलब्ध कराई गई। इलाज के बाद कुछ मनोरोगियों को फॉलोअप के लिए समय देकर बुलाया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसके शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. वंदना भेले, नोडल अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ. दीपक मिरे के मार्गदर्शन में शनिवार को मानसिक रोगियों के लिए विशेष ओपीडी शुरू किया गया है।
इस विशेष क्लिनिक विशेषकर ऐसे लोगों के लिए है, जिन्हे बार-बार दौरे पड़ते हैं, नशे के आदि हैं या आत्महत्या कर प्रयास कर चुके है। ओपीडी शुरु करने के लिए अस्पताल के आरएमओ डॉ. पीपी प्रधान, अस्पताल प्रबंधक आरती दत्ता, एनसीडी परामर्शदाता गोविंद सिंह बघेल, केस मैनेजर मानसिक स्वास्थ्य गोपीका जायसवाल, फार्मासिस्ट मनीषा चेलक सहित अस्पताल के अन्य स्टाफ का सहयोग रहा।
पहचान के लिए मितानिनों को मिला प्रशिक्षण
नोडल अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ. दीपक मिरे द्वारा शहरी मितानिन को मानसिक स्वास्थ्य कार्यशाला में मानसिक रोगी की पहचान करने एवं मानसिक तनाव से दूर रहने और समाज, परिवार व मुहल्ले में अपने आसपास के लोगों को तनाव मुक्त रहने की जानकारी दी गई। डाक्टर मिरे ने बताया शहरी क्षेत्रों में भी लोग आर्थिक व पारिवारिक तंगी के चलते मानसिक रोगों से जूझते रहते हैं। ऐसे लोगों का समय पर इलाज होने से परिवार को होने वाली क्षति को रोका जा सकता है। समाज में जागरुकता की कमी के चलते मानसिक रोगियों के इलाज कराने में परिवार व अन्य लोगों का सहयोग प्राप्त नहीं होता है। मानसिक रोगों का इलाज जटिल होने की वजह से लोग इलाज बीच में ही करना छोड़ देते हैं। अंध विश्वास के चलते बैगा व ओझा के पास जाकर मरीज के जीवन को और संकट में डाल देते हैं। इस लिए समय रहते ही इलाज कराने से मरीज की जान बच सकती है।
