दुर्ग (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ कंडरा आदिवासी समाज के बैनर तले कंडरा-बसोड़ों ने अपनी समस्या से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अवगत कराया है। बसोड़ों ने शासन द्वारा निर्धारित प्रति परिवार 1500 बांस प्रति वर्ष उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि पर्याप्त मात्रा में बांस नहीं मिलने के कारण उनके समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो रही है।
संगठन के प्रदेशाध्यक्ष भोला मरकाम के नेतृत्व में शुक्रवार को एसडीएम दुर्ग को ज्ञापन सौंपा गया। मुख्यमंत्री सहित वन मंत्री मो. अकबर को संबोधित इस ज्ञापन में कंडरा बसोड़ समाज को पर्याप्त मात्रा में बांस उपलब्ध नहीं कराए जाने की जानकारी दी गई है। बताया गया है कि शासन द्वारा प्रति बसोड़ परिवार को 1500 बांस सालान उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। इसके बावजूद अधिकांश डिपों से 400-500 बांस ही सालाना उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस संबंध में कई बार अधिकारियों से अनुरोध किए जाने के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं किया गया है। जिससे समाज को आर्थिक व मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा उन्होंने बांस की नीलामी से पूर्व बसोड़ों की कुल बही के आधार पर बांस को आरक्षित किए जाने की मांग की है। साथ ही परिवार की बढौत्तरी के मद्देनजर नई बसोड़ बही बनाने, शासन प्रसाशन द्वारा समाज के पंजीकृत बसोड़ बही के आधार पर निर्मित सामग्री की खरीदी करने, बांस से बनने वाले आधुनिकर उत्पादों के निर्माण व मार्केटिंग के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने की मांग भी उन्होंने की है। इस प्रतिनिधि मंडल में भोला मरकाम के साथ राजेन्द्र कुंजाम, संतराम नेताम, अशोक बाला, रमेश कुंजाम, अलखराम, अनुसुइया, गीताबाई, मंजु, परदेशी, चैनसिंह, सतोष, राकेश, अक्कू, गजानंद, विक्की, सहदेव, खोरबहरा, विष्णु, शिवलाल, इंद्रजीत, मनबोध, दूजराम, राधेश्याम, छोटू आदि शामिल थे।