छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल भंग, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने गठित की तीन सदस्यीय कमेटी

रायपुर (छत्तीसगढ़)। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल को भंग कर दिया है। वहीं वकीलों की पहचान के लिए तीन सदस्यीय विशेष समिति का गठन किया गया है। समिति छः माह की अवधि में वास्तविक वकीलों की पहचान करेगी और चुनाव प्रक्रिया को अंजाम देगी।
दुर्ग के अधिवक्ता (सहा. लोक अभियोजक) मो. अरशद खान ने बताया कि जब से छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ है। छत्तीसगढ़ स्टेट बार कौंसिल (राज्य अधिवक्ता परिषद) जो अधिवक्ताओं की सब से बड़ी संस्था है, का चुनाव कभी समय पे संपन्न नहीं होता है। परिषद का चुनाव 5 वर्ष के लिए होता है। यदि किसी वजह से कार्यकाल समाप्ति के पूर्व नए सदस्यों का चुनाव नही हो पाता तोAdvocate Act 1961 में प्रावधान है कि स्टेट बार का कार्यकाल 6 माह के लिए बढ़ाया जा सकता है। इस बार कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया गया फिर भी चुनाव नहीं करवाया जा सका। जिस पर बार काउंसिल आफ इंडिया से शिकायत की गई थी। जिस पर यह निर्णय लिया गया है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ बार काउंसिल को वकीलों की पहचान कर चुनाव कराने का नियत समय खत्म होने पर दो बार एक्सटेंशन दिया था। लेकिन इस अवधि में भी छत्तीसगढ़ बार काउंसिल के प्रक्रिया पूर्ण नहीं कर पाने को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने गंभीरता से लेते हुए काउंसिल को ही भंग कर दिया है। इसके साथ तीन सदस्यीय विशेष समिति का गठन किया है, इसमें छत्तीसगढ़ के एडवोकेट जनरल, अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव और प्रतीक शर्मा शामिल हैं।
यह विशेष समिति राज्य बार काउंसिल में पंजीबद्ध वकीलों का बार काउंसिल ऑफ इंडिया सर्टिफिकेट एंड प्लेस ऑफ प्रेक्टिस (वेरिफिकेशन) रूल्स 2015 के तहत वेरिफिकेशन करेगी। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने स्पष्ट किया है कि वकीलों के वेरिफिकेशन के बिना चुनाव नहीं होंगे।
वेरिफिकेशन के लिए 12204 ने ही जमा किए फार्म
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ छत्तीसगढ़ बार काउंसिल के हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग में बताया गया कि 2016 तक राज्य बार काउंसिल में पंजीकृत सदस्यों की संख्या 26096 थी, वहीं 25 जनवरी 2021 तक यह संख्या बढ़कर 29228 पहुंच गई। वेरिफिकेशन की प्रक्रिया के दौरान 12204 अधिवक्ताओं ने ही फार्म जमा किए, इनमें से महज 9741 लोगों ने एलएलबी के मार्कशीट अटैच किए, इनमें से महज 1691 अधिवक्ताओं के मार्कशीट यूनिवर्सिटी से वेरिफाई हो पाएं हैं।