(विडियो) हेलमेट के प्रति जागरुक करने निकली दुपहिया रैली, न्यायाधीशों के साथ शामिल हुए नागरिक

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शहर में हेलमेट रैली का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में दुपहिया वाहनों पर सवार होकर हेलमेट लगाकर नागरिक शामिल हुए। रैली का आयोजन जिला एवं सत्र न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव के मार्ग दर्शन में किया गया था। आयोजन का उद्देश्य वाहनों चालकों में हेलमेट की जीवन रक्षा में भूमिका को प्रदर्शित कर जागरुकता लाना रहा। रैली की शुरुआत न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव व जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष गुलाब सिंह पटेल ने हरी झंडी दिखाकर की।
इस अवसर न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि नक्सली हमले में जितने लोगों की मृत्यु नही होती, उससे कही अधिक मृत्यु वाहन दुर्घटना से होती है। वाहन चालक केवल जुर्माना से बचने के लिए हेलमेट पहनना जरूरी समझते है, जो बिल्कुल सही नही है। हेलमेट खुद के सिर की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंनो बताया कि वाहन दुर्घटना में हेलमेट पहनने वाले वाहन चालक को कम शाररिक क्षति होती है। आज का दिन उन लोगों को जागरूक करेगा जो यह समझते है कि हेलमेट पहनने से जान नही बचती।
गौरव पथ स्थित न्याय सदन से प्रारंभ हेलमेट जागरुकता रैली ने इंदिरा मार्केट से होते हुए रेल्वे स्टेशन तथा विश्राम गृह क्षेत्र का भ्रमण कर नागरिकों को जागरुक किया।
रैली में न्यायाधीशों के साथ अधिवक्ता, न्यायायिक कर्मचारी, पैरालीगल वालेंटियर, टे्रफिक पुलिस के जवान आदि हेलमेट पहन कर शामिल थे। रैली के माध्यम से नागरिकों को हेलमेट पहनने के प्रति जागरुक करते हुए दुर्घटना में इसे सिर के लिए सुरक्षा कवच बताया गया। साथ ही दुपहियां वाहनों को नियंत्रित गति से चलाने व स्टंट न करने की सलाह विशेष कर युवाओं को दी गई। बताया गया कि ऐसे चालक दुर्घटना को स्वयं बुलाते है और अपनी व दूसरों की जान जोखिम में डालते है। साथ ही वाहन दुर्घटना परिवार एवं पीडित को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति पहुंचाने का सबब बनती है। इस जागरूकता रैली में लगभग 600 दुपहिया वाहन चालकों ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई।

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