फेसबुक पर दोस्ती कर किशोरी से संबंध बनाना पड़ा भारी, दो युवकों को मिली कारावास की सजा

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। फेसबुक पर दोस्ती कर किशोरी को बहलाफुसला कर भगाने व शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी को न्यायालय द्वारा विभिन्न धाराओं के तहत कुल 19 वर्ष के कारावास से दंडि़त किया गया है। वहीं इस मामले में किशोरी को भगाने में सहयोग करने वाले युवक को 2 वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला अदालत ने सुनाया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) स्मिता रत्नावत की अदालत में सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश साहू ने पैरवी की थी।
मामला नेवई थाना क्षेत्र का है। यहां की निवासी 17 वर्षीय किशोरी का फेसबुक पर ग्राम ग्वालीनडीह (सारंगगढ़), रायगढ़ निवासी सूरज दयाल (22 वर्ष) से परिचय हुआ था। यह परिचय धीरे धीरे दोस्ती में, फिर प्यार में बदल गया। दोनों ने मोबाइल नंबर आदान प्रदान कर आपस में बात करना भी प्रारंभ कर दिया। इसी दौरान प्रेम का इजहार करते हुए सूरज ने किशोरी के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा और रायगढ़ आने का सुझाव दिया। जिस पर विश्वास कर किशोरी घर में बताए बिना 1 मार्च 2014 को भिलाई निवासी युवक नितिश टांडे (18 वर्ष) से सहयोग लेकर पावर हाउस रेलवे स्टेशन पहुंची और वहां से रायगढ़ पहुंच गई। किशोरी के घर से लापता होने पर परेशान किशोरी के परिजनों द्वारा पुलिस में शिकायत की गई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए किशोरी के सूरज के कब्जे से बरामद किया। पूछताछ में किशोरी के साथ सूरज द्वारा शारीरिक संबंध बनाए जाने का खुलासा भी हुआ। जिस पर नेवई पुलिस ने सूरज दयाल व किशोरी के घर से भागने में मदद करने वाले नितिश टांडे के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश स्मिता रत्नावत ने आरोपी सूरज दयाल को किशोरी को बहालफुसला कर अपहरण करने और शारीरिक संबंध बनाए जाने का दोषी पाया। जिसके तहत अभियुक्त को दफा 363 के तहत 2 वर्ष कारावस व 500 रु. अर्थदंड, 366 के तहत 7 वर्ष कारावास व 1000 रु. अर्थदंड़ तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत 10 वर्ष कारावास व 1000 रु. अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी। वहीं नाबालिग को घर से भागने में सहयोग प्रदान करने के आरोप में नितिश टांडे को दफा 363 (34) के तहत 2 वर्ष कारावास व 500 रु. अर्थदंड से दंडि़त किया गया है।