सुखद रहा वैक्सीनेशन का पहला दिन, नहीं हुआ किसी को साइड़ इफेक्ट, लेकिन लक्ष्य से पिछड़े

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिले में कोरोना वैक्सीनेशन का पहला दिन आज सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। निर्धारित 5 टीकाकरण केंद्रों में फ्रंटलाइन के 315 कोरोना वारियर्स को कोविशील्ड़ वैक्सीन का पहला डोज दिया गया। वैक्सीनेशन के बाद किसी पर भी इसके साइड इफेक्ट होने की जानकारी सामने नहीं आई है। जिससे वैक्सीनेशन को लेकर जारी भ्रांतियां निर्मूल साबित हुई। वैक्सीनेशन की शुरुआत में माहौल में उत्साह के साथ भावुकता भी नजर आई।
किसी भी केंद्र ने नहीं की लक्ष्य की पूर्ति
बता दें कि वैक्सीनेशन का कार्य आज 16 जनवरी से देश भर में प्रारंभ हुआ है। दुर्ग जिले में पहले दिन 500 फं्रटलाइन कोरोना वारियर्स को वैक्सीनेश के कारण चिंहित किया गया था। जिनमें से 315 का ही टीकाकरण हो पाया। इसका कारण चिंहित व्यक्ति का तकनीकी खामियों के कारण वैरीफिकेशन नहीं होना माना जा रहा है। पहले दिन वैक्सीनेशन के लिए 5 केंद्र निर्धारित किए गए थे। प्रत्येक केंद्र में 100 वारियर्स का टीकाकरण किया जाना था। लेकिन 500 वारियर्स के ऐवज में 315 वारियर्स का ही टीकाकरण किया जा सका। जिला अस्पताल में 71, पाटन में 83, नगपुरा में 68, वैकुंठधाम में 70 और सबसे कम श्री शंकरा हास्पिटल में 20 का टीकाकरण किया गया।
जिला अस्पताल में डॉ. सांवत को लगा पहला टीका
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के पश्चात लगभग 11 बजे वैक्सीनेशन प्रारंभ हुआ। जिला अस्पताल में पहला टीका कोरोना वारियर डॉ. सुगम सावंत को लगाया गया। इस दौरान विधायक अरुण वोरा, महापौर धीरज बाकलीवाल, सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर आदि उपस्थित थे। वहीं नगपुरा स्वास्थ्य केंद्र में मेल स्टाफ नर्स आशीष मरकाम को सबसे पहले वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई। इस दौरान एसडीएम खेमलाल वर्मा के साथ जिला पंचायत व जनपद पंचायत अध्यक्ष उपस्थित थे। आशीष मरकाम ने बताया कि टीकाकरण के दौरान या उसके घंटों बाद भी उन्हें किसी प्रकार की असहजता महसूस नहीं हुई। इस दौरान वैक्सीन के प्रोटोकाल के पूरे प्रोसीजर का पालन किया गया। वैक्सीनेशन के बाद सभी को आब्जर्वेशन में रखा गया था। किसी में किसी प्रकार का साइड़ इफेक्ट देखने को नहीं मिला।
अधिकारी बनाए रहे नजर
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे पांच केंद्रों में आरंभ हुई वैक्सीनेशन अभियान की मानिटरिंग करते रहे । वहीं डिप्टी कलेक्टर दिव्या वैष्षव, डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर, सिविल सर्जन डॉ. पी. बालकिशोर, आरएमओ डॉ. अखिलेश यादव व्यवस्था पर लगतार नजर बनाए हुए थे।

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