दुर्ग (छत्तीसगढ़)। शहर जिला मध्य ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अलताफ अहमद ने किसानों के लिए भाजपा के प्रदर्शन को राजनीतिक नौटंकी करार दिया है। अलताफ अहमद ने कहा कि घड़ियाली आंसू बहाना भाजपा की फितरत रही है। आज देश के सभी राज्यों में भूपेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों की तारीफ हो रही है। 25 सौ रुपए क्विंटल की दर से धान खरीदी, कर्जमाफी, सिंचाई कर माफ करने जैसे फैसलों की प्रशंशा हो रही है। ऐसे में भाजपा का विरोध प्रदर्शन एक मजाक से ज्यादा कुछ नहीं है। अलताफ अहमद ने कहा है कि अगर भाजपा वाकई किसानों का हित चाहती है तो छत्तीसगढ़ के किसान हित से जुड़ी सभी योजनाओं को केंद्र सरकार से पूरे देश में लागू कराएं। छत्तीसगढ़ के सांसदों, पूर्व मुख्यमंत्री समेत प्रदेश के सभी भाजपा नेता केंद्र सरकार से भूपेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों को पूरे देश में लागू कराने का काम करें। 15 साल तक रमन सरकार ने किसानों के साथ बोनस के नाम पर छल किया है। अब उन्हें किसानों के साथ छल-प्रपंच की राजनीति बंद कर देना चाहिए।
अलताफ ने कहा कि आज केंद्र की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि प्रदेश के भाजपा नेताओं को राज्य के किसानों को लेकर राजनीतिक प्रदर्शन करने की बजाय केंद्र सरकार पर छत्तीसगढ़ से 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने के लिए दबाव क्यों नहीं बना रहे। भाजपा नेता सच बोले, झूठ पर राजनीति बंद करें।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की बात कही थी, लेकिन अभी तक 24 हजार मीट्रिक टन चावल खरीदी की अनुमति ही दी गई है। इसी तरह धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार से पर्याप्त संख्या में बारदाना भी नहीं मिले हैं। जिसके कारण किसानों को परेशानी हो रही है। बेहतर होगा कि केंद्र की भाजपा सरकार राज्य सरकार के साथ भेदभाव करना बंद करें।
अलताफ अहमद ने कहा कि डेढ़ महीने से भी अधिक समय से जारी किसान आंदोलन के बावजूद प्रधानमंत्री के पास किसानों से बात करने का समय नहीं है। यह देश का दुर्भाग्य है कि प्रधानमंत्री के पास अन्नदाताओं के लिए समय नहीं है। न्याय मांग रहे देश के अन्नदाताओं को मोदी सरकार षड्यंत्रकारी तरीके से थकाने और झुकाने की साजिश कर रही है। काले कानून खत्म करने के बजाय मीटिंग पर मीटिंग और तारीख पर तारीख दे रही है। उन्होंने कहा कि 73 साल के देश के इतिहास में पहली बार ऐसी जनविरोधी, किसान विरोधी सरकार बनी है। किसान आंदोलन के दौरान 60 से अधिक किसानों के प्राण त्यागने के बावजूद प्रधानमंत्री के मुंह से आज तक सांत्वना का एक शब्द भी नहीं निकला। चंद उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार देश के करोड़ों किसानों के साथ देशवासियों के साथ तीन काले कानून लाकर अन्याय कर रही है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।