घरेलु हिंसा से पीडि़त महिलाओं को मिलेगी हमर अंगना योजना से राहत : न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं को अब नालसा की योजना हमर अंगना से राहत मिलेगी। इसके लिए ग्रामीण स्तर पर सर्वे कर जागरुकता अभियान की शुरुआत ग्राम रसमड़ा से की गई है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष व जिला सत्र न्यायाधीश के निर्देश पर ग्राम में सरपंच व महिला सुरक्षा समिति के सदस्यों के साथ बैठक कर प्राधिकरण सचिव राहुल शर्मा की उपस्थिति में पैरालीलगल वालेटियर द्वारा इस संबंध में जानकारी दी गई। ग्राम रसमड़ा में इस योजना के सफलता पूणर्क क्रियान्वयन के बाद जिले में स्थित अन्य ग्रामों में भी योजना का विस्तार किया जाएगा।
ग्राम रसमड़ा दुर्ग जिले का प्रथम गांव है जहां इस योजना को प्रारंभ किया जा रहा है। बैठक में संबंधित चयनित ग्राम के सरपंच एवं मितानिन से ग्राम के भौगोलिक परिस्थिति के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। जिसमें बताया गया कि ग्राम रसमड़ा की जनसंख्या 5094 है जिसमें से 2800 पुरूष तथा 2294 महिला है । श्रमिक बाहुल्य इस ग्राम में नशा करने वालो की समस्या ज्यादा हैै। बैठक में न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने हमर अंगना योजना में किये जाने वाले कार्यो की विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए कहा कि यह योजना का लाभ घरेलू हिंसा से पीडित महिलाओं को विधिक सहायता पहुंचाना है। इस उद्धेश्य के लिए सभी को मिलकर कार्य करना हैै, पीडित महिला की पहचान कर उसे विधिक सहायता पहुंचाना है। योजना के तहत परिवार के संबंध में सभी जानकारी प्राप्त किया जाना हैै तथा प्राप्त जानकारी को गुप्त रखा जाये। साथ ही ग्राम रसमड़ा में श्रमिक वर्ग की अधिकता को देखते हुए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली (नालसा) की असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विधिक सेवाएंद्ध योजना के तहत असंगठित श्रमिक को विधिक सहायता उपलब्ध कराने विधिक जागरूकता अभियान चलाया जाए। इसके साथ ही ग्राम में नशा मुक्ति के सबंध में भी लोगों को जागरूक किया जायेगा।
पीडि़त महिलाओं को चिंहित कर पहुंचाया जाएगा लाभ
प्राधिकरण अध्यक्ष व जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि छत्तीसगढ उच्च न्यायालय बिलासपुर के रिट पिटीशन पीआईएल 43-2013 पक्षकार रेखा राज विरूद्व छत्तीसगढ़ शासन व अन्य में जारी आदेश दिनांक 10 अगस्त 2018 में दिये गये दिशानिर्देश के परिपालन में तैयार की गइ हमर अंगना योजना के अंतर्गत कार्यवाही की जानी है। जिसके तहत घरेलू हिंसा से पीडि़त महिलाओं को चिन्हांकित किये जाने हेतु सर्वे किया जाना है। सर्वे किये जाने के लिए ग्राम का चयन कर कमेटी के द्वारा आवश्यक सुलह व परामर्श की कार्यवाही की जाएगी। घरेलू हिंसा की रोकथाम किये जाने हिंसा करने वाले व्यक्ति को आवश्यक सलाह देते हुए कानून के प्रावधानों से अवगत करा कर विधिक सहायता पीडि़त को उपलब्ध कराया जाना है।

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