दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिला एवं सत्र न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव के निर्देश पर एक सप्ताह का यातायात जागरुकता अभियान 3 जनवरी से प्रारंभ किया गया है। अभियान के तहत आज 8 जनवरी को न्यायायिक मजिस्टे्रट प्रेरणा अहिरे ने शिविर में उपस्थित होकर नियमों की अनदेखी करने वालें वाहन चालकों को समझाइश दी। साथ ही वाहन चालकों को उनके अधिकारों के संबंध में जानकारी दी गई।
शहर के राजेन्द्र पार्क चौक पर लगाए दए शिविर में न्यायायिक मजिस्टे्रट प्रेरणा अहिरे ने बताया कि मोटर यान अधिनियम के अंतर्गत धारा 139 में यह प्रावधान है कि वाहन चालक को दस्तावेज पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जायेगा। अगर वाहन चालक ट्रैफिक पुलिस के मांगने पर तुरंत वाहन का आर.सी. बुक, बीमा, ड्रायविंग लायसेंस, परमिट, पी.यू.सी.् नहीं दिखाते हैं तो यह अपराध नहीं है। ट्रैफिक पुलिस उसके विरूद्ध चालान की कार्यवाही नहीं कर सकती, यदि इसके बावजूद चालान किया जाता है तो चालान की राशि अदा किए जाने की बजाए इसे न्यायालय में चुनौति दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि पुलिस, दस्तावेज तत्काल नहीं दिखाने पर चालान की कार्यवाही करती है, तो कोर्ट में इसे खारिज कराने का विकल्प रहता है।
टै्रफिक पुलिस को दुरव्यवहार करने का अधिकार नहीं
उन्होंने वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन किए जाने की समझाइस देते हुए बताया कि उल्लंघन करने पर वर्तमान में हजारों रूपये का चालान वाहन चालक पर या स्वामी के विरूद्ध कार्यवाही की जाती हैं। यदि कोई व्यक्ति यातायात के नियमों का उल्लंघन करेगा या आवश्यक वाहन संबंधित दस्तावेज नहीं होने पर भी ट्रैफिक पुलिस आपसे गलत व्यवहार नहीं कर सकता ।
देना होगा पुन: ड्राइविंग टेस्ट
उन्होंने बताया कि ड्राईविंग लायसेंस की वैद्यता समाप्त होने पर ड्राईविंग लायसेंस के नवीनीकरण के लिए एक साल पहले या एक साल बाद नये लायसेंस के लिए आवेदन किया जा सकता है। यदि किसी वाहन चालक का ड्रायविंग लायसेंस की वैद्यता अवधि समाप्त हो गई हो, अर्थात एक्सपायर हो गया हो तो आपको दुबारा ड्रायविंग लायसेंस की परीक्षा पास करना पडेगा ।
अब तक 2055 से भरवाया गया बंधपत्र
विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 3 जनवरी से प्रारंभ इस जागरुकता अभियान के दौरान 8 जनवरी तक वाहन चालन में यातायात नियमों की अनदेखी करने वालें कुल 2055 चालकों को समझाइस दी गई। इन्हें यातायात नियमों की जानकारी देते हुए भविष्य में गलती न किए जाने की समझाइश दी गई और बंध पत्र भरवाया गया।