दुर्ग (छत्तीसिगढ़)। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत दुर्ग ब्लॉक को धूम्रपान मुक्त बनाने का संकल्प जनप्रतिनिधियों द्वारा लिया गया है। यह संकल्प ब्लॉक स्तरीय समन्वय समिति के सदस्यों ने आज हुई बैठक में लिया है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए अनुविभागीय अधिकारी खेमलाल वर्मा ने ब्लॉक को धूम्रपान मुक्त बनाए जाने के संकल्प पर सहमति व्यक्त करते हुए तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए । इस मौके पर जनपद अध्यक्ष देवेंद्र देशमुख, बीपीएम ऋचा मेश्राम, बी.ई.टी.ओ. विक्रम रामटेके, खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा, टीआई अंडा आरके झा, सीडीपीओ अजय साहू व बीईओ केवी राव इत्यादि उपस्थित थे।
समन्वय समिति की बैठक में द यूनियन से विशेष तौर पर आए डिवीजऩल सलाहकार प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा ब्लॉक निकुम को धूम्रपान मुक्त विकासखण्ड बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया। उन्होंने कहा तम्बाकू कंट्रोल से संबंधित कानून सिगरेट एंव अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003 को सख्ती से लागू करने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं प्रतिनिधि तम्बाकू मुक्त ब्लॉक बनाने में प्रशासन का पूर्ण सहयोग जरुरी है। उन्होंने कहा अधिकारी अपने विभागों में तम्बाकू निषेध का बोर्ड लगवाएं और कार्यालय में बीड़ीए सिगरेट आदि पीने वालों के खिलाफ चालान करे तथा अधिनियम के तहत आवश्यक कार्यवाही अमल में लाए। सीएचसी दुर्ग (निकुम) बीएमओ डॉ. सी.बी.एस. बंजारे द्वारा एनटीसीपी कार्यक्रम के अंतर्गत की जा रही गतिविधियों से अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि तंबाकू में 4000 से अधिक विभिन्न रसायन पाए गए हैं। इनमें से 60 से अधिक रसायनों को कैंसर का कारण माना जाता है। इसमें मौजूद निकोटीन लोगों को तंबाकू की आदत की ओर जाता है। ई-सिगरेट नामक एक और धुंआ रहित विकल्प है जो सांस के लिए वाष्पीकृत घोल का उत्सर्जन करता है। इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ईएनडीएस) में अलग-अलग मात्रा में निकोटीन और हानिकारक उत्सर्जन होते हैं।
एनटीसीपी के जिला सलाहकार डॉ सोनल सिंह द्वारा तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान एवं विकासखण्ड स्तर पर चालानी कार्यवाही के बारे में बताया गया। उन्होने सभी विभागों से प्रचार.प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया ताकि लोगों में जागरूकता आ सके। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे ऑफ इंडिया 2016-17 के अनुसार, देश में करीब 28.6 प्रतिशत सिगरेट और अन्य तरीकों से तंबाकू का सेवन करते हैं। जबकि छत्तीसगढ़ में 39.1 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का उपयोग करते हैं। मौजूदा समय में कोविड 19 महामारी ने दुनिया को फिर से मानव जीवन के हर पहलू में स्वास्थ्य के महत्व का एहसास कराया है। स्वास्थ्य एक व्यक्ति और राष्ट्र के लिए सच्चा धन है। शोध में बताया गया है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों को कोविड़ 19 के साथ गंभीर बीमारी होने की संभावना है। कोविड़ 19 मुख्य रूप से फेफड़ों पर हमला करता है। धूम्रपान करने से फेफड़ो को कोरोना वायरस से लडऩे में मुश्किल होती है। इस प्रकार ड्ब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, धूम्रपान करने वालों को कोविड़ 19 के कारण गंभीर बीमारी तथा मृत्यु होने का अधिक खतरा है।