कृषि कानून का विरोध, सिक्ख पंचायत व राजनीतिक दलों ने निकाली रैली, पीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ सिक्ख पंचायत ने सामाजिक व राजनीतिक दलों के साथ मिलकर कृषि कानूनों के विरोध में रैली निकाली। सिक्ख पंचायत के चेयरमैन जसबीर सिंह चहल के नेतृत्व में लोगों ने केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानून में सुधार या तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की। रैली भिलाई से होकर दुर्ग कलेक्ट्रेट पहुंचीं। यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया है।
प्रधानमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि सरकार द्वारा तीन कृषि कानून व एमएसपी को लेकर किसानों द्वारा कृषि कानून के विरोध में लगातार दो माह से दिल्ली में आंदोलन किया जा रहा है। ये कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है। इसे वापस लिया जाए। या किसान बिल में संशोधन किया जाए। किसानों के जायज मांगों को पूरा केन्द्र सरकार जल्द करें। जय किसान की तर्ज पर किसान भी खुशहाल होना चाहिए। इस अवसर पर चहल ने कहा कि केन्द्र सरकार कार्पोरेट सेक्टर को बढ़ावा दे रही है। किसान ठंड, बरसात में भी परिवार सहित दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर डटा हुआ है। किसानों को समर्थन देने के लिए बड़ी संख्या में सिक्ख समाज की युवा, महिलाएं व बुजुर्ग सामने आए है। सरकार को तीन कृषि कानून को वापस लेना चाहिए। अन्नदाता की सरकार को सुननी चाहिए। इस अवसर पर तेजपाल सिंह, सीएस बाजवा, सुखबीर सिंह ब्रोका, गुरनाम सिंह कोका, अरविंदर सिंह खुराना, तरसेम सिंह ढिल्लन, तारा सिंह, मेहरबान सिंह आरपी सोनी, माधव पाटिल, इमरान अजीज, विनोद कुमार सोनी, बृजेन्द्र तिवारी, आत्माराम साहू, जसबीर सिंग भामरा, अमरीक सिंग दुसान, सैलानी, रजा भाई, एसपी डे, डीवीएस रेड्डी, एमआर पाटिल, कलादास डहरिया, सुखवंत सिंग, अमन सिंग सहित बड़ी संख्या में सिक्ख समाज व अन्य लोगों शामिल थे।
आप नेताओं ने अनशन कर जताया विरोध
कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन में शामिल आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आह्वान पर किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास भी रखा। उपवास कार्यक्रम में आप नेता मेहरबान सिंह, कमल नारायरण शर्मा, वद्दू आलम, के ज्योति, ज्ञान प्रकाश तिवारी, देवेंद्र सिंह भाटिया शामिल थे।