बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारतीय पहचान देने फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश

मुबंई। मुंबई एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी भारतीय पासपोर्ट से लेकर आधार कार्ड और पैन कार्ड दिलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। एटीएस ने मामले में कुल 8 लोगों को पकडा है। जिनमें से एक मुंबई के शिवड़ी में रहने वाला अकरम खान मूल रूप से बांग्लादेश के नोवाखली जिले का रहने वाला है।
अकरम से पूछताछ के बाद एटीएस ने पूरे गिरोह को धर दबोचा। एटीएस के डीसीपी राजकुमार शिंदे ने बयान जारी कर बताया कि  अकरम के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद पहले उसे पकड़ा गया, फिर उससे पूछताछ में आधार पर पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ।
वडाला की नूरन बी और मुम्ब्रा के रफीक शेख साल 2013 से ये गोरखधंधा चला रहे थे और अब तक 85 के करीब बांग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी पहचान दे चुके हैं। दोनों से पूछताछ के बाद मामले में लिप्त गंगाराम केदारे और नितिन राजाराम निकम का पता चला।
गंगाराम का काम फर्जी रबर स्टैम्प बनाना तो नितिन का काम फर्जी बैंक पासबुक और इलेक्शन कार्ड बनाना था। एटीएस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के साथ पासपोर्ट कानून के तहत भी मामला दर्ज किया है। मामले में कुल 7 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।
उनके पास से बड़ी संख्या में फर्जी पैन कार्ड, आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, बिजली बिल और किराया करार के दस्तावेज मिले हैं जिनकी मदद से ये गिरोह पासपोर्ट बनाने की जुगत करते थे। आरोपियों के पास से लैपटॉप, प्रिंटर और मोबाइल फोन भी जब्त किये गए हैं।