दुर्ग (छत्तीसगढ़)। राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने कहा है कि किसानों को समृद्ध बनाने और बिचौलियों को अपना घर भरने से रोकने के लिए कृषि कानून बनाए गए हैं। किसान अपनी उपज को मंडी में भी बेच सकता है और मंडी के बाहर भी। इसके बावजूद बार बार किसानों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों की उपज खरीदी बिक्री को लेकर विवाद का समाधान न होने पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ 30 दिनों के भीतर सजा का प्रावधान पहली बार किया गया है। तीन दिनों में किसानों को भुगतान की गारंटी दी गई है। किसानों के हितों के लिए व्यापक प्रावधानों के बावजूद आंदोलन किए जाने से स्पष्ट है कि कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल देश को अस्थिर करने भ्रांति फैला रहे हैं।
केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिल के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन को राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने गहरी साजिश बताया। रविवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सोची समझी साजिश के तहत हो रहा है। विपक्षी दल ऐसे लोगों के साथ खड़ा है, जो टुकड़े-टुकड़े के नारे लगा रहे हैं। आंदोलन स्थल पर जिस तरह के नारे लग रहे हैं और घटनाक्रम घटित हो रहा हैए उससे स्पष्ट है कि न मुद्दे के मुताबिक मंशा है और न मंशा के मुताबिक मुद्दा है। उन्होंने कहा कि आंदोलन स्थल पर आतंकियों को छोडऩे की मांग की जा रही है और पाकिस्तान के समर्थन में नारे बुलदं किए जा रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री की हत्या करने जैसी वार्ता हो रही है और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जा रहे हंै। आंदोलनकारियों के प्रदर्शन से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि यह आंदोलन किसानों का नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरी साजिश चल रही है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में ऐसे तत्व घुस आए हैं जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन में ऐसे तत्व शामिल हो गए हैं जिनका मकसद देश में अराजकता फैलाना और सरकार को बदनाम करना है।
कांग्रेस पार्टी पर उन्होंने आरोप लगाया कि जब संसद में कृषि बिल पर चर्चा हो रही थी, तब कांग्रेस पार्टी ने सदन का बहिष्कार कर दिया था। लोकसभा और राज्यसभा में बिल पारित होने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बनने तक पूरे देश में किसान शांत रहे। कानून बनने के काफी समय बाद अचानक कृषि कानूनों का विरोध शुरू होना, सोची समझी साजिश का हिस्सा है। चंद किसानों को सामने रखकर आंदोलन की साजिश महज मोदी सरकार को घेरने के लिए रची गई है।
सिर्फ पंजाब के किसान कर रहे विरोध
उन्होंने कहा कि कृषि कानून का विरोध केवल पंजाब के किसानों द्वारा रहा है, जहां कांग्रेस की सरकार है। मोदी सरकार ने देश के अन्नदाताओं के हितों के लिए कानून बनाया है। जिन विषयों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। उन सभी भ्रांतियों को सरकार ने दूर करने का प्रयास किया है लेकिन कई दौर की बातचीत के बावजूद समाधान निकालने की दिशा में कथित आंदोलनकारी आगे बढऩे तैयार नहीं हैं।