आयुर्वेद चिकित्सकों को मेजर आपरेशन की अनुमति देना, मानव जीवन के लिए खतरनाक : आईएमए

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सकों को 58 बीमारियों में शल्य चिकित्सा की अनुमति दिए जाने पर सख्त एतराज जताया है। विरोध स्वरुप इंडियन मेडिकल एसोशिएशन (आईएमए) के देश व्यापी बंद के तहत दुर्ग भिलाई में भी एलोपैथी चिकित्सकों ने अपनी सेवाओं को बंद रखा। आईएमए की जिला इकाई के पदाधिकारियों ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि आयुर्वेद चिकित्सकों को मेजर आपरेशन की अनुमति दिया जाना मानव जीवन के लिए खतरनाक है। बिना विशेषज्ञता हासिल किए आपरेशन किए जाने से मरीज का जीवन संकट में पड़ सकता है।
आईएमए के पदाधिकारियों ने इसे मिक्सोथैरिपी करार देते हुए कहा कि केंद्र द्वारा दी गई इस अनुमति का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। इसके लिए जनजागरण अभियान चलाए जाने के साथ सामाजिक व जनसेवा के क्षेत्र से जुड़े संगठनों को जोड़ा जाएगा। यदि इसके बाद भी इसे वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका विरोध आयुर्वेद या होम्योपैथी चिकित्सा से नहीं है। जिस पद्धति से चिकित्सा का अध्ययन किया गया है। उसी पद्धति का उपयोग मरीज के इलाज में किया जाना चाहिए। मेजर आपरेशन के लिए एनेस्थिसिया आदि के विशेषज्ञ की आवश्यक्ता अहम है। आयुर्वेद पद्धति में इसका प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है। इसके अलावा विशेषज्ञता का होना भी आवश्यक है। मात्र दो साल के प्रशिक्षण से इसे हासिल नहीं किया जा सकता है। इसके लिए उन्हें एलोपैथी पद्धति का सहारा लेना पड़ेगा। जिससे यह मिक्सोथैरिपी बन जाएगी। इसलिए जिस पद्धति में चिकित्सा की पढ़ाई की जा रही है, उसी पद्धति में चिकित्सकों को इलाज किए जाने की अनुमति होनी चाहिए। पत्रकारों से चर्चा के दौरान दुर्ग भिलाई आईएमए के पदाधिकारी डॉ. अजय गोवर्धन, डॉ. रतन तिवारी, डॉ. अनुराग दिक्षित, डॉ. जय तिवारी, डॉ. अख्तर सहित सदस्य उपस्थित थे।