नई दिल्ली। बिहार विधानसभा में स्पीकर के लिए हुए चुनाव में सत्ताधारी एनडीए की जीत हुई है। लखीसराय विधानसभा सीट से विधायक विजय कुमार सिन्हा बिहार विधानसभा के स्पीकर बन गए हैं। उन्होंने महागठबंधन के प्रत्याशी अवध बिहारी को हराया है। पूरी वोटिंग प्रक्रिया विपक्षी नेताओं के हंगामे के बीच संपन्न हुई। वोटिंग प्रक्रिया में 240 सदस्य शामिल हुए। इसमें से 126 विधायकों ने विजय कुमार सिन्हा को समर्थन दिया और 114 विधायकों ने अवध बिहारी को वोट दिया।
प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने स्पीकर के चुनाव के लिए पहले एनडीए के प्रत्याशी विजय कुमार सिन्हा के पक्ष वाले लोगों से हाथ उठाने को कहा, उसके बाद अवध बिहारी के पक्ष वाले विधायकों को हाथ उठाने को कहा गया। इसी दौरान दोनों पक्षों के विधायकों की संख्या गिन ली गई।
वोटिंग के दौरान सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री मुकेश सहनी की मौजूदगी का विपक्ष विरोध करता रहा। विपक्ष का कहना है कि ये नेता विधानसभा के सदस्य नहीं हैं इसलिए इन्हें सदन में रहने का कोई हक नहीं है। इस मांग को प्रोटेम स्पीकर ने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सदन का नेता होता है, इसलिए उनका यहां रहना कहीं से भी गैरकानूनी नहीं है। प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने याद दिलाया मनमोहन सिंह राज्यसभा का सदस्य होने के नाते हमेशा लोकसभा में मौजूद रहते लेकिन वे चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं होते थे। ठीक इसी तरह बिहार विधानसभा में राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव संसद सदस्य होने के नाते उनके साथ बिहार विधानसभा में मौजूद रहते थे।
विपक्ष की मांग पर भी प्रोटेम स्पीकर मांझी गुप्त मतदान को तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहा कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि गुप्त मतदान कराया जाए। इन सब के बीच विपक्षी नेता हंगामा करते रहे।