दुर्ग (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन की बैठक नगपुरा में हुई। बैठक में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के 26-27 नवंबर को दिल्ली घेरो आंदोलन के समर्थन में 26 नवंबर को प्रदेश की राजधानी रायपुर में केंद्र के प्रतिनिधि राज्यपाल के निवास राजभवन को घेरने का निर्णय लिया गया। किसानों ने घेराव के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के अलावा प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की सरकारी खरीदी करने, दो साल का बाकी बोनस देने और चना गेंहूं आदि उपजों की सरकारी खरीदी करने का चुनावी वायदा पूरे करने, किसान न्याय योजना में सभी किसानों को शामिल करने और प्रति एकड़ 10 हजार आदान की राशि जून माह तक एकमुश्त देने और सिंचाई पंपों को दी जा रही बिजली सब्सिडी के बराबर राशि गैर बोर वाले किसानों को देने का मुद्दा उठाने का ऐलान किया है।
बैठक में एक माह की देरी से धान की सरकारी खरीदी शुरू करने के लिये केंद्र और राज्य सरकार दोनों को आड़े हाथ लेते हुए कहा गया है कि किसानों को सूखत के कारण प्रति क्विंटल 4-5 किलो की क्षति हो रही है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार को प्रति क्विंटल 100 रुपए क्षतिपूर्ति की राशि का अतिरिक्त भुगतान किसानों को करना चाहिए। बैठक में 26-27 नवंबर को ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रीय हड़ताल को समर्थन करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में भूपेंद्र चौबे, राजेंद्र कुमार, दीपक यादव, लेकेश्वर प्रसाद, संतु पटेल, गोवर्धन देशमुख, चंदूलाल, लोचन सिंहा, नेतराम देशमुख, लच्छु, पल्टन यादव, मीषकुमार साहू, परमानंद यादव, सुमरन, आनंद साहू, बाबूलाल साहू, बद्रीप्रसाद पारकर, आई के वर्मा, एड. राजकुमार गुप्त, झबेंद्र भूषण वैष्णव, कल्याण सिंह, प्रमोद पवांर आदि मौजूद थे।