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एक दिसंबर से 31 जनवरी तक होगी धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी, मुख्य सचिव ने की समीक्षा

रायपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश में एक दिसंबर से 31 जनवरी तक समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का निर्णय शासन द्वारा लिया गया है। धान खरीदी के दौरान किसानों को परेशानी न हो इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली।

उन्होंने नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) से बढ़ते संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण, 2019-20 खरीफ वर्ष के शेष धान का निराकरण, खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान खरीदी की तैयारी और धान खरीदी हेतु चबूतरा निर्माण के संबंध में संभागयुक्तों, कलेक्टरों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और जिला विपणन अधिकारियों से जानकारी ली।
मण्डल ने पिछले वर्ष धान खरीदी के दौरान समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक दिसम्बर से प्रारंभ हो रहे खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान खरीदी की प्रक्रिया के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं 30 नवम्बर तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी खरीदी केन्द्रों में बारदानों की समुचित व्यवस्था करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राईस मिलरों और उचित मूल्य की दुकानों से प्राप्त बारदानों के सत्यापन के समय ही उसकी गुणवत्ता की जांच कर ली जाए, ताकि धान संग्रहण के समय बारदानों की वजह से किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो। मण्डल ने दंतेवाड़ा, धमतरी, गौरेला-पेण्ड्रा- मरवाही, जांजगीर, कोरबा, रायपुर, जशपुर और सुरजपुर जिलों में बारदानों की पर्याप्त उपलब्धता के लिए कलेक्टरों की सराहना की। वहीं सरगुजा, कोरिया, कोण्डागांव, महासमुंद, बेमेतरा, मुंगेली और कवर्धा जिलों में बारदानों के संग्रहण के कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए।मण्डल ने राज्य भर में धान खरीदी के लिए प्रस्तावित किए गए 157 नए केन्द्रों की सभी जानकारियां चेक लिस्ट के आधार पर सत्यापित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि धान खरीदी केन्द्रों में व्यवस्थित तरीके से धान की खरीदी के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाए। मण्डल ने धान खरीदी केन्द्र प्रभारियों को धान खरीदी की प्रक्रिया की पूरी जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। मण्डल ने धान खरीदी हेतु सभी खरीदी केन्द्रों में चबूतरों का निर्माण धान खरीदी शुरू होने से पहले कर लिए जाने के निर्देश दिए हैं।
खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 के कस्टम मिलिंग के लिए शेष धान के निराकरण पर मुख्य सचिव ने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिन जिलों में पिछले वर्ष के धान मिलिंग के लिए शेष है, वहां 30 नवम्बर तक मिलिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि धान की मिलिंग के लिए जिन राईस मिलरों द्वारा अनुबंध किया गया है, उनसे एक सप्ताह के भीतर बैंक गारेंटी प्राप्त करके धान की मिलिंग की प्रक्रिया शुरू करवायी जाए। श्री मण्डल ने संभागायुक्तों को निर्देशित किया है कि जिन जिलों में मिलिंग के लिए धान दूसरे जिलों में भेजे जाते हैं, ऐसे अंतरमिलिंग वाले जिलों में धान की मिलिंग पूरी कराने के लिए कार्यवाही करें। उन्होंने संभागायुक्तों से अपने प्रभार के जिलों में नियमित रूप से भ्रमण करने और धान खरीदी और धान मिलिंग की प्रक्रिया सुचारू रूप से संपादित करने के निर्देश दिए हैं।
नोवल कोराना वायरस (कोविड-19) से बढ़ते संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के संबंध में मण्डल ने कहा है कि मरीजों की पहचान के लिए प्रतिदिन किए जा रहे परीक्षण को बढ़ाया जाए। साथ ही संक्रमित होने के बाद 24 घंटें के भीतर होने वाले मृत्यु के संबंध में जानकारी संकलित किए जाए और इसमें कमी लाने के लिए प्रयास किए जाए। श्री मण्डल ने कंटेंटमेंट जोन के निर्धारण के लिए अपनाएं जाने वाले प्रक्रिया का पुर्न परीक्षण करने के निर्देश दिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग रेणु पिल्ले, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग गौरव द्विवेदी, सचिव खाद्य विभाग डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव राजस्व विभाग रीता शांडिल्य, सचिव सहकारिता आर. प्रसन्ना, खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अंकित आनंद सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।