सूचना आयुक्त पवार हुए सेवानिवृत्त, मुख्य सूचना आयुक्त राउत की उपस्थिति में दी गई भावभीनी विदाई

रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के सूचना आयुक्त मोहन राव पवार को सेवा निवृत्ति होने पर राज्य सूचना आयोग में भावभीनी विदाई दी गई। इस मौके पर मुख्य सूचना आयुक्त एम. के. राउत ने कहा कि राज्य सूचना आयुक्त पवार आयोग में कुशलता से कार्य सम्पादित किए और कानून की परिधि में रहकर आयोग के द्वितीय अपील के प्रकरणों में आदेश पारित किए। उन्होंने कहा कि यद्यपि पवार प्रशासनिक क्षेत्र से नहीं थे किन्तु व्यावहारिक और कानूनी ज्ञान रखते थे। उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धाराओं का अनुपालन करते हुए आयेाग में द्वितीय अपील के प्रकरणों में आदेश पारित किए।

राज्य सूचना आयुक्त अशोक अग्रवाल ने कहा कि सूचना आयुक्त मोहन राव पवार का व्यवहार सरल, सौम्य था। उन्हे सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धाराओं का काफी ज्ञान था और वे राज्य में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आयोजित कार्यशालाओं में सहज रूप से ज्ञान बांटते थे। पवार के साथ आयोग में 3 वर्ष का साथ रहा, जो महत्वपूर्ण था। सूचना आयुक्त मोहन राव पवार ने आयोग से अपनी विदाई बेला में कहा कि आयोग में काम सीखने का बहुत अवसर मिला। हमें हमेशा विचारों का आदान-प्रदान करते रहना चाहिए, जिससे संवादहीनता समाप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि पद, प्रतिष्ठा का अभिमान नहीं होना चाहिए। समारोह में सचिव आई.आर.देहारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। राज्य सूचना आयुक्त पवार को छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग की ओर से शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संयुक्त संचालक धनंजय राठौर, अवर सचिव आभा तिवारी, स्टाफ आफिसर अशोक तिवारी, ए. के. सिंह, एस. आर. दीवान सहित अधिकारी, कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।