मंडी अधिनियम संशोधन किसानों के लिए निराशाजनक, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं : स्वाभिमान मंच

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को राज्य में प्रभावहीन करने के लिए बघेल सरकार द्वारा विधानसभा के विशेष सत्र में कृषि उपज मंडी में संशोधन करने के लिए प्रस्तुत विधेयक को छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने किसानों के लिए निराशाजनक करार दिया है।


मंडी अधिनियम में संशोधन विधेयक पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के अध्यक्ष राजकुमार गुप्त ने कहा है कि सरकार ने 7 संशोधन प्रस्तावित किया है। जिसमें कृषि उपजों की घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी नहीं है। डीम्ड मंडी घोषित करने, उपजों के परिवहन की निगरानी और जब्ती करने, निजी मंडी के भंडारण की जांच करने, जानकारी छुपाने या गलत जानकारी देने पर 3 माह की सजा का प्रावधान से किसानों को कोई लाभ नहीं होगा।
मंच के अध्यक्ष ने बघेल सरकार पर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार भी न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी न देकर किसानों की भावनाओं को आहत कर रही है। विधानसभा के विशेष सत्र में बघेल सरकार द्वारा प्रस्तुत संशोधन अधिनियम किसान हित को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि राजनीतिक हितों को ध्यान में रखकर लाया गया है। मंच के अध्यक्ष ने कृषि उपजों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर खरीदी रोकने के लिए स्पष्ट कानूनी गारंटी प्रदान करने की मांग की है।