रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में आज सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय पर मंत्रिपरिषद की बैठक की। बैठक में जल जीवन मिशन, छत्तीसगढ़ आबकारी नीति, कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक, ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग, औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम सहित औद्योगिक नीति और राजीव गांधी किसान योजना में संशोधनों को लेकर चर्चा की गई। साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों को इस वर्ष धान की तीसरी किस्त देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेगी।
औद्योगिक नीति 2019-2024 पर लगी मुहर
बैठक में औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमति दी गई है। जिसमें राज्य के वनोपज, हर्बल तथा वन आधारित अन्य उत्पादों का प्रसंस्करण, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण और मूल्य संवर्धन के कार्य राज्य में ही करवाए जाए। इसके लिए विशेष निवेष प्रोत्साहन पैकेज (वनांचल उद्योग पैकेज) को अप्रुवल किया गया है। इस योजना के तहत पिछड़े क्षेत्रों जिनमें ‘स’ श्रेणी के विकासखण्डों का कुल निवेश का 40 प्रतिशत अर्थात 5 वर्षो में अधिकतम 40 लाख रुपये प्रतिवर्ष तथा ‘द’ श्रेणी के विकासखण्डों में कुल निवेश का 50 प्रतिशत यानी 5 वर्षों में अधिकतम 50 लाख रुपये प्रतिवर्ष पात्रतानुसार देय होगा. इस पैकेज के लिए लघु उद्योगों के द्वारा प्लांट एवं मशीनरी के अंतर्गत न्यूनतम 50 लाख तथा अधिकतम 5 करोड़ रुपये का निवेश अनिवार्य रूप से करना होगा।
राजीव गांधी किसान ऋण योजना
छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार राजीव गांधी किसान ऋण योजना के तहत एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेगी. इस योजना के तहत किसानों को धान की तीसरी किस्त का पैसा देने के लिए ही राज्य सरकार आरबीआई से कर्ज लेगी.
औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम में होगा संशोधन
छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम-2015 नीति में भी संशोधन का निर्णय लिया गया है। इसमें उद्योग विभाग द्वारा संचालित औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत उपकेंद्रों की स्थापना हेतु न्यूनतम आवश्यक भूमि का आवंटन किया जाएगा। जिसके लिए एक रुपये प्रतीकात्मक प्रीमियम राशि (टोकन मनी) पर बिना किसी लीज रेंट, सिक्यूरिटी डिपॉजिट के भी भूमि का आवंटन किया जाएगा। इस योजना में औद्योगिक भूमि, भवन, शेड, प्रकोष्ठ एवं लैंड बैंक से आवंटित भूमि का आवंटन पश्चात नियम और प्रबंधनों में संशोधन किया गया है.
विकास प्राधिकरणों का होगा पुर्नगठन
राज्य शासन द्वारा वर्ष 2012 में राज्य के ग्रामीण अंचलों के त्वरित एवं सर्वांगीण विकास की पूर्ति के लिए भी फैसला लिया गया। वर्तमान में विकास कार्यो की स्वीकृति के लिए गठित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन (अप्रूव करना) किया गया है।
आबकारी नीति वर्ष 2013-14 में संशोधन
छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वर्ष 2013-14 के क्रियान्वयन के संबंध में प्रदेश में नशा मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के बारे में संशोधन किए गए। इस हेतु छत्तीसगढ़ शराब व्यसन मुक्ति अभियान(भारत माता वाहिनी योजना) को समाज कल्याण विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया है।