दिल्ली। अब सीबीएसई मार्कशीट और सर्टिफिकेट पर प्राचार्य के डिजिटल हस्ताक्षर होंगे। इसके लिए सीबीएसई ने सभी स्कूल के प्राचार्य से डिजिटल सिग्नेचर देने को कहा है। सभी ने हस्ताक्षर बोर्ड को भेज भी दिया है। इसकी शुरुआत बोर्ड ने 9वीं और 11वीं के रजिस्ट्रेशन में और 10वीं और 12वीं के एलओसी (लिस्ट ऑफ कैंडिडेट) भरने से किया है। ज्ञात हो कि सीबीएसई द्वारा पहली बार स्कूल प्राचार्य का डिजिटल सिग्नेचर लिया जा रहा है। इस हस्ताक्षर का इस्तेमाल बोर्ड के अलावा स्कूल गतिविधियों में भी किया जायेगा। प्राचार्य के सिग्नेचर को बोर्ड के साथ स्कूल रिकॉर्ड में रखा जायेगा। इससे जब ज़रूरत होगी तो हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया जा सके। बोर्ड की मानें तो इससे समय की बचत होगी। अभी तक स्कूल में किसी काम के लिए स्कूल मोहर का इस्तेमाल किया जाता था।
ये होंगे फायदे
-अब प्राचार्य के सिग्नेचर के लिए छात्रों को इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा
-मार्क्स वेरिफिकेशन, प्रमाणपत्र वेरिफिकेशन का काम जल्दी होगा
-बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय और स्कूल के बीच होने वाले सारे काम में तेजी आयेगी
-प्राचार्य के डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल स्कूल स्टाफ द्वारा किया जा सकेगा
-प्राचार्य के स्कूल में उपलब्ध नहीं होने पर भी छात्र का काम आसानी से हो जायेगा
राजीव रंजन (सिटी कोऑर्डिनेटर, सीबीएसई) ने कहा, ‘अब प्राचार्य के डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया जायेगा। इसके लिए बोर्ड ने सभी प्राचार्य से डिजिटल सिग्नेचर मांगा है। इससे स्कूल के शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कार्यों में सुविधा होगी।’
रुकेगा स्कूल में फर्जीवाड़ा
अब स्कूल प्राचार्य का फ़र्ज़ी हस्ताक्षर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। बोर्ड द्वारा स्कूल की फर्जीवाड़ा को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। बोर्ड की मानें तो आए दिन स्कूल बिना किसी सूचना के प्राचार्य को बदल देते हैं। अब प्राचार्य को बदलने से पहले स्कूल प्रशासन द्वारा पहले बोर्ड को इसकी जानकारी दी जायेगी। इससे बोर्ड के पास किस स्कूल में कौन प्राचार्य है, इसकी जानकारी रहेगी।