नक्सलियों से जंग के साथ आईईडी डिफ्यूज करने में भी महिला कमांडो निभा रही अहम भूमिका, सीएम ने सराहा

रायपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश के दंतेवाड़ा में नक्सलियों खिलाफ जंग में उतरी महिला कमांडो अब नक्सलियों द्वारा लगाए गए बम को डिफ्यूज करने में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। सड़क पर लगाए गए आईईडी को हटा रहीं हैं। पहली बार महिला सिपाही लक्ष्मी कश्यप और विमला कवासी ने कटे कल्याण क्षेत्र में 10 किलो का आईईडी बम डिफ्यूज किया। इसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को उनसे बात की और साहस की प्रशंसा कर हौसला बढ़ाया।
रायपुर में कैबिनेट मीटिंग से पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दोनों महिला कमांडों से बात की। डीआरजी में महिला कमांडो के बम स्क्वॉड टीम में शामिल दोनों महिला कर्मियों की तारीफ की। मुख्यमंत्री ने कहा, साहस और हौसले के साथ पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान नक्सल मोर्चे पर काम कर रहे हैं। जल्द ही बस्तर में नक्सल उन्मूलन की सफलता मिलेगी।
महिला कांस्टेबल विमला कवासी नक्सलियों के साथ हुई कई मुठभेड़ में भी शामिल रह चुकी हैं। इस दौरान वे बम डिफ्यूज करने की ट्रेनिंग भी लेती रहीं। दो दिन पहले 6 अक्टूबर को कटे कल्याण क्षेत्र के सूरनार टेटम मार्ग में 10 किलो का आईईडी बम लगे होने की सूचना मिली थी। इस पर पहली बार दोनों महिला कमांडो स्वयं से मौके पर पहुंची और बम को सफलता पूर्वक डिफ्यूज किया।
महिला कमांडो विमला कवासी ने बताया कि जब ग्रामीण इलाकों में नया कैंप खोला जाता है तो वे लोग वहां जाते हैं। ग्रामीणों से बात करते हैं और उन्हें बताते हैं कि नया कैंप उनकी सुरक्षा के लिए शुरू किया जा रहा है। वहीं यह भी बताया जाता है कि महिलाओं पर अत्याचार को लेकर नक्सलियों के लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। महिला कमांडों की यह मुहिम अब असर दिखा रही है।