दुर्ग (छत्तीसगढ़)। बीएसएनएल के स्थापना दिवस पर एक अक्टूबर को कर्मचारियों व अधिकारियों के संयुक्त संघर्ष समिति ने पूरे देश में सरकार के कथित पीएसयू विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया और काला दिवस के रूप में मनाया। कर्मियों ने काली पट्टी लगाकर ड्यूटी किया और भोजनावकाश में नारेबाजी व प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कार्यालय के मेनगेट में सभा की गई।
सभा को संबोधित करते हुए एम्पलाइज यूनियन के संयोजक आरएस भट्ट ने कहा कि आज ही के दिन बीएसएनएल का गठन सरकार ने किया था। बीएसएनएल कर्मी हर वर्ष स्थापना दिवस मनाता है पर आज भारी मन से कर्मियों ने काला दिवस के रूप में मनाकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का काम किया। सरकार से 10 माह पहले घोषित रिवाइवल पैकेज की मांग की गई। बीएसएनएल को 4-जी स्पेक्ट्रम देने की भी मांग की गई। भट्ट ने कहा कि सरकार जानबूझकर बीएसएनएल व्दारा 4-जी सर्विस के लिए उपकरण खरीदी के टेंडर को निरस्त कर दिया गया है। जिससे स्पष्ट है कि कंपनी को बीमार बनाकर बेचने की साजिश की जा रही है । 79 हजार कर्मचारियों को वीआरएस देकर घर भेजने से संतुष्टि पूर्ण सेवा प्रदान करने में काफी कठिनाई हो रही है। 4-जी सेवा चालू करने में और अधिक देरी से कंपनी की आर्थिक स्थिति कमजोर होगी। प्रदर्शन में डीके सिंह, मिथिलेश ठाकुर, पीके वर्मा, दिलेश्वर चंद्राकर, रवि देशमुख, वीडी गलफाडे, अरुण दुबे, महेश बोरकर, अनिता दुबे, चंद्रिका रामप्यारी, संगीता शामिल थे।