रायपुर: सीएम भूपेश ने पूर्व सीएम रमन सिंह और भाजपा नेताओं से सवाल पूछा है कि वे स्वामीनाथन कमेटी का समर्थन करते हैं या विरोध? 2016 में किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा कि थी वह कब करेंगे। 2014 में केन्द्र सरकार ने किसानों के बोनस पर प्रतिबंध लगाया था उसके पक्ष में हैं या विरोध में। 2004 से 2010 तक यूपीए सरकार ने जो एमएसपी लागू की थी इसे आपकी सरकार में कमी की गई क्या इसे सही मानते हैं क्या? बैकडोर से बनाया गया कानून क्या यह देशद्रोह नहीं है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हवाईअड्डों, रेल्वे स्टेशनों को बेचने के बाद मोदी सरकार की नज़र अब खेती की ओर है। वह खेती-किसानी का भी निजीकरण करना चाह रही है। लेकिन हम किसी भी शर्त में यह कानून लागू नहीं होने देंगे इसके लिए हम किसानों के घर-घर जाकर हस्ताक्षर अभियान भी चलाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों के सामने कृषि बिल, श्रम कानून और शांताकुमार की रिपोर्ट पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अपने उद्योगपति मित्रो के हितों को ध्यान में रखकर यह कानून बनाया है। संघ सूची में एक भी विषय ऐसा नहीं है जिसके अंतर्गत एकमेव रूप से कृषि से सम्बंधित मामलों पर केंद्र को कोई कानून बनाने का अधिकार है जबकि राज्य सूची में कृषि से सम्बंधित अनेक विषय ऐसे हैं जिस पर उसे कानून बनाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि किसान को व्यापारी बताकर इस कानून को पास कराया गया है। वे एफसीआई के साथ कृषि मंडियों को बंद साज़िश रच रहे हैं। लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं किसानों के हित की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि देश में कृषि विधेयक के माध्यम से किसानों को बेहतर बाज़ार मिलेगा। मंडी की व्यवस्था कभी भी बंद नहीं होने वाली है। इस विधेयक को लेकर कांग्रेस भ्रम फैलाने के अलावा कुछ नहीं कर रही है। कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर हमेशा केंद्र की सरकार संवेदनशील है। देश व प्रदेश में किसानों की चिंता कांग्रेस को कितना है, यह सबको पता है। जब एक राष्ट्र-एक बाज़ार की दिशा में हम आगे बढ़ रहें हैं तो किसान विरोधी मानसिकता का परिचय देते कांग्रेस विधेयक का विरोध कर रही है।
केन्द्र सरकार के कृषि विधेयक बिल के विरोध में कांग्रेस देशभर में विरोध-प्रदर्शन कर रही है। छत्तीसगढ़ में भी कल कांग्रेस के सभी मंत्री, विधायक, सांसद राजभवन जाकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।