दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कोरोना महामारी से बेरोजगार हुए युवकों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर आपदा को अवसर में बदलने का प्रयास एक युवक को काफी भारी पड़ा है। ठगी के आरोप में युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपी ने दो युवकों को डायल 112 में सुपरवाइजर बनाने का झांसा देकर रकम वसूल ली थी।
ठगी का शिकार हुए सुपेला शंकर पारा निवासी राबिन आचार्य ने इस मामले की शिकायत पुलिस में की थी। शिकायत में बताया गया कि राबिन रायपुर के अविनाश बिल्डर्स में काम कर्ता था। कोरोना के चलते काम बंद हो जाने से वह बेरोजगार हो गया था। इसी दौरान उसका संपर्क ग्राम सेंदरी (उतई) निवासी धनराज उर्फ चंद्रशेखर मार्कंडेय (26 वर्ष) से मुलाकात हुई। धनराज ने उसे रायपुर सिविल लाइन में डायल 112 में सुपरवाइजर का पद खाली होने की जानकारी दी। मासिक वेतन 17000 रुपए होने का हवाला देते हुए 15000 रुपये देने पर उसे वहां नौकरी दिलवा सकता है। इस झांसे में वह आ गया और नेट बैंकिंग से 15000 रुपए धनराज के खाता में जमा कर दी। इसी बीच राबिन के दोस्त कुनाल गुप्ता ने भी इस पद पर नौकरी लगाने के लिए धनराज को रकम दे दी। समय बीतने के बाद भी नौकरी नहीं मिलने और रकम वापसी में धनराज द्वारा आनाकानी किए जाने पर मामला पुलिस तक पहुंचा। शिकायत के आधार पर पर सुपेला पुलिस ने दफा 420 के तहत जुर्म दर्ज कर आरोपी धनराज उर्फ चंद्रशेखर मार्कंडेय को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने युवकों से वसूली गई रकम में से 26000 रुपए खर्च कर दिए जाने की जानकारी दी है। पुलिस ने शेष रकम 4000 रुपए आरोपी के कब्जें से जब्त कर उसे जेल भेज दिया है।
