दुर्ग (छत्तीसगढ़)। उरला के आईएचएसडीपी आवासों में अवैध कब्जे और किराएदारी के खेल को लेकर जोगी कांग्रेस ने निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया है। जोगी कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि निर्माण के 12 वर्षों के बाद भी करीब एक चौथाई आवासों का आवंटन हितग्राहियों को नहीं किया गया है। वहीं कई आवासों में अब तक दरवाजे खिड़कियां नहीं लगाया जा सका है। आवासों के भीतर नल तक नहीं पहुंचाया जा सका है। जोगी कांग्रेस के नेताओं ने किराए पर देने वालों का आवंटन निरस्त कर शिविर लगाकर आर्थिक स्थिति की जांच कर कब्जाधारियों को मकान आवंटित करने की मांग उठाई है।
जोगी कांग्रेस के शहर जिला संयोजक व पूर्व पार्षद डी प्रकाश ने इस संबंध में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, महापौर धीरज बाकलीवाल और कमिश्नर इंद्रजीत बर्मन को ज्ञापन सौंपकर मांग की है। उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि शहर को झोपड़ी मुफ्त बनाने और जरूरतमंदों को पक्का आवास उपलब्ध कराने की मंशा से करोड़ों रुपए खर्च कर आवास बनाया गया है, लेकिन मकानों के आवंटन को लेकर विवादों और लेटलतीफी के कारण इसकी उपयोगिता साबित नहीं हो रही। 12 वर्षों बाद में आवासों का आवंटन नहीं हो पाने, मकानों के अधूरे निर्माण और सुविधाओं की कमी को लेकर जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई किया जाना चाहिए। साथ ही तत्काल आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
किराए देने वालों का हो आवंटन निरस्त
पूर्व पार्षद का कहना है कि जो मकानों में रहने के इच्छुक नहीं हैं अथवा किराए पर मकान दे रखा है, उनका मकान किराए पर रहने वालों की आर्थिक स्थिति की जांच कर आवंटित किया जाना चाहिए। इसके अलावा जो अवैध कब्जे में रह रहे हैं और वे वास्तव में जरूरतमंद हैं तो उन्हें भी बेदखल करने के बजाए आवंटित किया जा सकता है। यह कार्य सार्वजनिक शिविर लगाकर किया जाना चाहिएष
55 किराएदार, 27 में अवैध कब्जा
निगम प्रशासन ने पिछले दिनों आईएचएसडीपी आवासों का सर्वे कराया था। इसमें 55 मकान किराए पर दिए जाने और 27 आवासों पर अवैध कब्जे का खुलासा हुआ था। निगम प्रशासन ने 8 सितंबर को किराए पर देने वालों को नोटिस जारी करने के साथ अवैध कब्जे वाले मकानों पर तालाबंदी की कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई पर भी जोगी कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। जोगी कांग्रेस का कहना है कि यह स्थायी समाधान नहीं है।